नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता संजय निरूपम के खिलाफ मानहानि की शिकायत रद्द करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को नोटिस जारी किया. निरूपम और स्मृति ईरानी ने एक दूसरे के खिलाफ मानहानि की शिकायतें दायर कर रखी हैं.


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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने निरूपम की दो अपील पर भाजपा नेता स्मृति ईरानी को नोटिस जारी किया.


 



कांग्रेस नेता निरूपम ने उनके खिलाफ ईरानी की मानहानि की शिकायत पर उन्हें समन जारी करने के मजिस्ट्रेट के 11 मार्च, 2013 के आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने स्मृति द्वारा उनके खिलाफ एक जनवरी, 2013 को दायर मानहानि की शिकायत भी रद्द करने का अनुरोध किया है.


इनमें से एक मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने निरूपम द्वारा स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत पर जारी समन निरस्त कर दिया था.


हालांकि, उच्च न्यायालय ने ईरानी की शिकायत पर निरूपम को जारी समन निरस्त करने के लिये दायर कांग्रेस नेता की याचिका 19 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दी थी और कहा था कि निरूपम के खिलाफ मामला चलेगा. 


निरूपम ने आरोप लगाया था कि 20 दिसंबर, 2012 को जब गुजरात विधान सभा के नतीजे घोषित हुये तो भाजपा नेता ने टेलीविजन पर एक बहस के दौरान उनके चरित्र पर आक्षेप लगाते हुये अपमानजनक टिप्पणियां की थी 


उनका कहना था कि स्मृति ईरानी को वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजकर कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिये बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिये कहा गया था लेकिन उन्होंने इसका जवाब ही नहीं दिया.


ईरानी ने भी इसी कार्यक्रम में उनके बारे में संजय निरूपम द्वारा कथित रूप से अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर की थी.