नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खालिस्तानी गुट के सदस्य मलकीत सिंह (Malkit Singh) उर्फ शेरा की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया है. बता दें कि मलकीत सिंह पर पिछले साल सितंबर में हुए तरनतारन विस्फोट में शामिल होने का आरोप है. मलकीत ने शुगर की बीमारी को आधार बनाकर मेडिकल ग्राउंड  पर अदालत से जमानत मांगी थी.


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बताते चलें कि 5 सितंबर 2019 को पंजाब के तरनतारन में बुधवार देर रात तेज धमाका हुआ था. इस धमाके में दो लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद पुलिस ने बम धमाके की साजिश रचने के आरोप में मलकीत सिंह उर्फ शेरा और बिक्रम सिंह पंजवड़ उर्फ बिक्कर को गिरफ्तार किया था. बता दें कि इन आरोपियों ने अपने कबूलनामें में पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को बम से उड़ाने की साजिश रचने का भी खुलासा किया था.


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पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि अरमेनिया में बैठे खालीस्तानी समर्थकों के कहने पर उन्होंने सार्वजनिक जगह पर धमाका किया था. इस दौरान पुलिस ने आरोपी मनदीप को 4 दिन की रिमांड पर लिया था. जांच में सामने आया था कि मनदीप गांव के 5 पंचों में से एक है और दिव्यांग होने के बावजूद भला हो भला नामक समाजसेवी संस्था भी चलाता था. इनमें अमृतपाल सिंह अम्मी धमाके में गंभीर घायल हुए गुरजंट सिंह जंटा का चचेरा भाई है.


प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि विदेश में बैठकर पंजाब में खालिस्तान बनाने वाले लोगों ने इनका ब्रेनवॉश किया था. ये सार्वजनिक जगह पर धमाका कर दहशत पैदा करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि चार सितंबर की रात को खाली प्लॉट से दबाए गए बम को निकालते समय ब्लास्ट हो गया था. जिसमें तरनतारन के गांव बचड़े निवासी हरप्रीत सिंह और कदगिल निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की की मौत हो गई थी और गांव बचड़े निवासी गुरजंट सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया था. 


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