नई दिल्ली: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में निकाय चुनाव (Local Body Elections) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 दिसंबर को करेगा सुनवाई. कांग्रेस (Congress) और डीएमके (DMK) ने निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. दोनों दलों की ओर से आज (9 दिसंबर) वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस की बेंच से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. बता दें कि रविवार को तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने अपने अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के इस विचार पर सहमति जताई थी कि जरूरी प्रक्रिया पूरी किए बिना स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने के खिलाफ अदालत जाना चाहिए.


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पार्टी के सांसदों, विधायकों और जिला सचिवों की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर स्टालिन को स्थानीय निकाय चुनाव के खिलाफ अदालत जाने की अनुमति दी गई थी.



डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन किए बगैर स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा करने के लिए राज्य सरकार और तमिलनाडु राज्य निर्वाचन आयोग की आलोचना की.


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द्रमुक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीमांकन, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान किए जाने जैसी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही निकाय चुनाव कराया जाए.


कमल हासन की पार्टी नहीं लड़ेगी निकाय चुनाव
अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने भी रविवार को घोषणा की थी कि उनकी पार्टी मक्कल नीधि मैय्यम (एमएनएम) स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ेगी. हासन ने एक बयान में कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा. एमएनएम का लक्ष्य तो 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज होना है.


रजनीकांत के संगठन ने नहीं किया किसी दल का समर्थन
इस बीच, अभिनेता रजनीकांत के संगठन रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) ने स्थानीय निकाय चुनाव में किसी पार्टी का समर्थन न करने की घोषणा की. पार्टी ने लोगों को चेताया भी कि अगर कोई अभिनेता का नाम या उनकी छवि पर वोट मांगे तो उसे नजरअंदाज कर दें. रजनीकांत की योजना एक पार्टी बनाकर 2021 के विधानसभा चुनाव में उतरने की है. तमिलनाडु में स्थानीय निकाय चुनाव 27 व 30 दिसंबर को होना है.


(इनपुट आईएएनएस से भी)