भीलवाड़ा: महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर होगा सेमिनार का आयोजन, होगा गहन विमर्श
माणिक्यलाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में 20 व 21 सितम्बर को महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन(International Conference)आयोजित किया जा रहा है.
भीलवाड़ा: माणिक्यलाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय में 20 व 21 सितम्बर को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन(International Conference)आयोजित किया जा रहा है.
यह सम्मेलन “एम्ब्रेसिंग द अदरः रिडिस्कोवरिंग महात्मा गांधी एंड द पावर ऑफ नॉन-वायलेंस” विषय पर आयोजित होगा. 20 सितंबर को प्रातः 10.30 बजे उद्घाटन सत्र के साथ चार पेलेनरी व चौदह तकनीकी सत्रों में गांधी दर्शन के विविध आयामों (Different Aspects of Gandhi darshan)पर गहन विचार-विमर्श होगा.
सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. पयोद जोशी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि उद्घाटन सत्र में गांधी शांति प्रतिष्ठान से प्रो. कुमार प्रशांत, प्रसिद्ध इतिहासकार श्री एस. चन्द्रा, प्रो. संजय लोढा, स्लोवेनिया से प्रो. केटजा प्लीमेंइटास अपना उदबोधन देंगे तथा आयुक्त, कॉलेज शिक्षा, प्रदीप बोरड़ विशिष्ट अतिथि होंगे.
दो दिवसीय इस सम्मेलन में प्रो. आनन्द कुमार व अविजित पाठक (जे.एन.यू.,दिल्ली), श्रीमती अरुना रॉय (सामाजिक कार्यकर्ता), महेश शर्मा (गांधीवादी), डॉ बी. एम. शर्मा (पूर्व अध्यक्ष आरपीएससी), डॉ. नरेश दधीच (पूर्व कुलपति, कोटा,वि.वि), वेदव्यास पूर्व (अध्यक्ष राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर), जीवन सिंह मानवी (अध्यक्ष जनवादी लेखक संघ), प्रोफेसर आर. पी. जोशी, डाॅक्टर आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुब्रतो मुखर्जी, प्रोफेसर बी.के. नाकला, प्रोफेसर एस.एस चंडालिया, प्रोफेसर अभय चतुर्वेदी, प्रोफेसर आर.एन. व्यास, प्रोफेसर सुधा चैधरी, प्रोफेसर आईरन सिंह भाटी जैसे ख्यातनाम विद्वान गांधी के विचारों पर सविस्तार विमर्श प्रस्तुत करेंगे.
राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शैलजा उपमन्यु ने बताया कि इस सम्मेलन में देश-विदेश से कुल 400 संभागी सम्मिलित हो रहे हैं.
प्राचार्य डॉ. इंदुबाला बापना के अनुसार इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियां व्यापक स्तर पर चल रही है तथा इस सम्मेलन की सफलता को लेकर महाविद्यालय में एक बैठक का भी आयोजन किया गया था, जिसमें इस सम्मेलन को लेकर व्यापक चर्चा के साथ-साथ आयोजन समितियों का गठन कर सभी को कार्यभार सौंपे गए है.