नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पालघर (Palghar) में 2 संतों की हत्या को 125 दिन बीच चुके हैं. लेकिन न्याय अब तक कोसो दूर है. जूना अखाड़े के महंत अवधेशानंद गिरी ने कहा कि साधुओं की हत्याओं से संत समाज में आक्रोश है. इस मामले की जांच CBI को सौंपी जानी चाहिए. जेपी नेता राम कदम ने भी इस मामले में CBI जांच की अपील की है. वहीं योग गुरु बाबा रामदेव ने भी ट्वीट कर संतों की हत्या मामले को बिना देरी किए CBI को जांच सौंपे जाने की मांग की है. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अगले हफ़्ते सुनवाई कर सकता है. 


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बता दें कि पालघर के गड़चिंचले गांव में 16 अप्रैल की रात में जूना अखाड़े के दो साधुओं 35 वर्षीय महंत सुशील गिरी महाराज और 65 वर्षीय महाराज कल्पवृक्ष गिरी और उनके ड्राइवर निलेश तेलगडे की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी. घटना के समय दोनों संत एक गाड़ी में सवार होकर अपने साथी संत की मौत पर शोक जताने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे.


इस मामले में महाराष्ट्र CID दहाणु कोर्ट में 11 हजार पन्नों की दो अलग चार्जशीट दाखिल की. सीआईडी ने अपनी जांच में दावा किया कि पालघर साधु हत्याकांड के पीछे कोई सांप्रदायिक कारण नहीं था बल्कि कुछ अफवाहों की वजह से ये घटना हुई. CID के मुताबिक इस इलाके में कई दिनों से ऐसी अफ़वाह थी कि कुछ लोग बच्चों को किडनैप कर उनके शरीर से किडनी जैसे ऑर्गन निकलने के लिए साधु, पुलिस या डॉक्टर के भेष में आ सकते हैं. सीआईडी के अनुसार इसी अफ़वाह के चलते स्थानीय लोगों ने उन संतों को किडनैपर समझकर जानलेवा हमला कर दिया.


इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सांप्रदायिक कारण के एंगल को खारिज कर दिया.


संत समुदाय ने इस मामले को सीबीआई या एनआईए जैसी एजेंसी को ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त को सुनवाई हुई. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया था. माना जा रहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 27 अगस्त को सुनवाई हो सकती है. महाराष्ट्र में शिवसेना कोटे के मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच हो या नहीं, इसका फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे. उन्होंने कहा कि किसी के कहे अनुसार सरकार काम नहीं करती है. वह परिस्थिति और जरूरत के हिसाब से फैसले लेती है. 


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