नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को सातवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे लेकिन इस बार लाल किले के कार्यक्रम की तस्वीर बदली होगी. कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल तो रखा ही जाएगा साथ ही मेहमानों की सूची भी छोटी हो सकती है. मंत्रियों के साथ उनके परिवार के लोगों और राजदूतों के बैठने के इंतजाम में भी भारी बदलाव हो सकता है.


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हालांकि सबसे महत्वपूर्ण पीएम मोदी का भाषण होगा. हर बार की तरह इसमें जोश होगा, देश के लिए भविष्य के लिए दिशा होगी और सरकार के छह साल के विकास की गाथा भी होगी. इसके लिए मोदी सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने सभी मंत्रालयों से इनपुट और सुझाव मांगा है.


मंत्रालयों से कहा गया है कि पीएम ने पिछले 6 साल में लाल किले से उनके मंत्रालयों से संबंधित जो घोषणाएं की हैं उसकी सूची और साथ ही उस पर मंत्रालयों ने कितना काम किया है उसका स्टेटस भी भेजें.


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बता दें कि 500 शब्दों में मंत्रालयों के ऐसे बड़े कामों और फैसलों की सूची मांगी गई है जिसका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ा हो और उनके जीवन में बदलाव आया हो. सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि उनके सुझाव हिंदी और अंग्रेजी में हों. सुझावों की हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कापी भी मांगी गई है. 14 जुलाई यानी आज तक सभी मंत्रालयों को अपने सुझाव मेल के जरिए भेजने को कहा गया है.


माना जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम अपने संबोधन में चीन के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देंगे. इसके साथ देश को भरोसा दिया जाएगा कि भारत के एक इंच भूमि भी कोई नहीं ले सकता है. पीएम अपने संबोधन में सीमाओं की सुरक्षा और पड़ोसी देशों के बारे में बात कर सकते हैं. इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जंग में देशवासियों के सहयोग की सराहना के साथ-साथ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी साझा कर सकते हैं.