चेन्नई में एक आवारा कुत्ते ने रोयापुरम इलाके में दहशत फैला दी. आमतौर पर व्यस्त रहने वाले जीए रोड पर एक घंटे से भी कम समय में 29 लोगों को काट लिया. नाराज लोगों ने कुत्ते को पीट पीट कर मार डाला.लोगों को संदेह था कि वह पागल हो सकता है.कुछ पीड़ितों ने कहा कि जब उन्होंने उसे हटाने की कोशिश की तब भी कुत्ते ने उसे नहीं छोड़ा. ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने मृत कुत्ते को पोस्टमॉर्टम के लिए मद्रास पशु चिकित्सा कॉलेज भेज दिया है.घायलों में दस स्कूली बच्चे थे. कुछ वरिष्ठ नागरिक गिर गए और उनके सिर पर भी चोट आई.


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जांच के लिए भेजी गई रिपोर्ट

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जीसीसी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. कमाल हुसैन ने कहा कि कुत्ता रेबीज से संक्रमित हो सकता है क्योंकि वो बिना किसी वजह के आक्रामक हो गया था. दो दिनों में परीक्षण रिपोर्ट मिल जाएगी. सभी घायलों को रात भर पास के सरकारी स्टेनली मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया.स्टेनली जीएच के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. एस. चन्द्रशेखर ने कहा  कि हमने सभी पीड़ितों के निचले अंगों को धोया और संक्रमण को मस्तिष्क तक फैलने से रोकने के लिए उन्हें एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन दवा दी. इसके बाद  एंटी-रेबीज टीका दिया जिसके लिए उन्हें चार और खुराक के लिए फिर से आना होगा.


इसलिए हिंसक हो जाते हैं कुत्ते


इस घटना के बाद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने छह पिल्लों समेत 32 कुत्तों को इकट्ठा किया और उन्हें रेबीज के लिए निगरानी में रखा है. डॉक्टरों का कहना है कि बिना उकसावे के कुत्ते के काटने के पीड़ितों को 12 घंटे के भीतर एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन सीरम और टीके की खुराक मिलनी चाहिए. "सड़क के कुत्ते आमतौर पर झुंड में होते हैं और केवल समूहों में वाहनों का पीछा करते हैं, अगर उन्हें पहियों पर अन्य कुत्तों की गंध मिलती है या पहले से कुछ यादें उनके जेहन में मौजूद हो तो वो पीछा करते हैं. यदि कुत्ता अकेले में हो और किसी पर बिना उकसावे के हमला करे तो रेबीज पॉजिटिव होने की संभावना अधिक है.