नई दिल्ली: कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच एक खबर सामने आई है. एक स्टडी में पाया गया है कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सोफोर्ड (AstraZeneca-Oxford) की बनी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) ने कुछ लोगों पर विपरीत प्रभाव डाला है. कम से कम 11 लोग न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार हुए हैं. इनमें से 7 मामले अकेले केरल (Kerala) में मिले हैं, जहां 12 लाख लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई थी. 


4 Case Nottingham में मिले


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स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और ब्रिटेन (India & UK) में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सोफोर्ड की वैक्सीन लगवाने वाले कुल 11 लोगों में 'गुलियन बेरी' (Guillain-Barre) नामक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर पाया गया है. इसमें से 7 मामले केरल और 4 नॉटिंघम (Nottingham) में दर्ज हुए हैं. नॉटिंघम में करीब 7 लाख लोगों को एस्ट्राजेनेका-ऑक्सोफोर्ड की वैक्सीन लगाई गई है. बता दें कि भारत में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सोफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से बनाई जाती है.


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पहली Dose के बाद हुए ग्रस्त


न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) की बात करें 'गुलियन बेरी' एक दुर्लभ बीमारी है. इसमें इम्यून सिस्टम, नर्व सिस्टम में मौजूद हेल्दी टिशूज पर असर पड़ता है. खासतौर से इस सिंड्रोम से ग्रसित लोगों के चेहरे की नसें कमजोर हो जाती है. अध्ययन के अनुसार, भारत में वैक्सीन लेने के बाद इस बीमारी के सात मामले सामने आ चुके हैं. इन सातों लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी और उसके 10-22 दिन के बीच में इनमें गुलियन-बेरी सिंड्रोम के लक्षण देखने को मिले.


बीमारी की रफ्तार से Experts भी हैरान 


एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी (Annals of Neurology) नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि वैक्सीन लेने के बाद जिन लोगों को गुलियन-बेरी सिंड्रोम बीमारी हुआ, उनके चेहरे के दोनों किनारे कमजोर होकर लटक गए थे. जबकि आमतौर पर इसके 20 फीसदी से भी कम मामलों में ऐसा देखने को मिलता है. शोधकर्ता इस बात से भी हैरान हैं कि इतने कम समय में ये बीमारी उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से फैल गई. हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन महफूज है, लेकिन इसके बावजूद सतर्क रहने की जरूरत है.


ये हैं Guillain-Barre के लक्षण 


शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि वैक्सीन को लेने के बाद सिंड्रोम के कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. गुलियन बेरी सिंड्रोम के लक्षणों में शरीर में कमजोरी, चेहरे की मांसपेशियां कमजोर होना, हाथ पैर में झनझनाहट और दिल की धड़कन अनियमित रहना शामिल हैं. गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.