Subramanian Swamy On Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ज़ी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कानून पढ़ा है. उनको डिग्री भी मिली हुई है. जब वो ये कहते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने से Places of Worship Act का उल्लंघन होता है तो वो लोगों को गुमराह करते हैं. एक्ट का इससे कोई संबंध नहीं है. जब कोई मस्जिद या मंदिर तोड़ा जाएगा तभी इस एक्ट का उल्लेख कर सकते हैं. ये गैरकानूनी नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में निर्देश दिया है.


बेबुनियाद बात कर रहे ओवैसी


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सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ज्ञानवापी सर्वे का विरोध सुप्रीम कोर्ट जाकर ही किया जा सकता है और वो गए भी हैं. जब कोर्ट में वो कहेंगे कि Places of Worship Act का उल्लंघन हुआ है तो कोर्ट में सब हंसेंगे. मैं कहना चाहता हूं कि ओवैसी की बात बेबुनियाद है. सर्वे कोर्ट के निर्देश पर हुआ. मस्जिद सिर्फ नमाज पढ़ने की जगह है. वहां ऐसा कोई रहस्य नहीं है. वहां कोई भी आ सकता है और जा सकता है.


पीएम की चुप्पी पर क्या बोले स्वामी?


ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पीएम मोदी की चुप्पी पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोर्ट के मामले पर प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे? मैं ये नहीं कहता कि पीएम बोल नहीं सकते, लेकिन ये मामला उनके कार्यक्षेत्र से जुड़ा हुआ नहीं है. इसमें तो कोर्ट ने आदेश दिया. फिर सर्वे हुआ और कोई नुकसान भी नहीं हुआ तो इसमें प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे. अगर पीएम बोलेंगे तो मांग होगी कि संसद में बिल पास करके Places of Worship Act को रद्द किया जाए. अभी उन्होंने कुछ नहीं बोलकर ठीक ही किया है.


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सिर्फ 3 मंदिरों पर करते हैं दावा


ताजमहल, मथुरा के शाही ईदगाह और कुतुबमीनार से जुड़े मामलों पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि साधु-संतों की बैठक में तय हुआ था कि तीन मंदिर काशी, मथुरा और अयोध्या हम नहीं छोड़ सकते क्योंकि इनमें भगवान प्रत्यक्ष रूप से आए थे. राम जन्मभूमि जहां भगवान राम पैदा हुए. इसके अलावा और कहीं नहीं पैदा हुए. बहुत सारे मंदिर तोड़ गए लेकिन केवल तीन पर हमारा दावा है. मेरा यही कहना है कि आपको जो करना है कोर्ट में जाकर करिए. लेकिन वहां जाकर भी आप क्या बोलोगे.



चुनाव से पहले माहौल बनाने की कोशिश पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जब मैं सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के मामले पर बहस कर रहा था तब भी यही बात कही गई थी, लेकिन निर्णय तो चुनाव के बाद आया. अब आप कह रहे हो कि अन्याय हुआ है. अन्याय तो हुआ ही है. औरंगजेब का फरमान है. उस फरमान में इतने अनाप शनाप आरोप लगाए गए कि उसे देखकर कोई भी हिंदू दुखी होगा. हिंदू तो बहुत शांति से हैं. अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ. हम तो कहते हैं कि सिर्फ तीन मंदिर, बाकी के चक्कर में हम नहीं पड़ते हैं.