नई दिल्ली: भाजपा के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्वामी ने नए संसद भवन (Parliament Building) के निर्माण के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) को चुने जाने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट करके पूछा है कि आखिर इस काम के लिए टाटा को ही क्यों चुना गया? इससे पहले उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के लिए भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया था.


कहीं 2G जैसा घोटाला तो नहीं?
 


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राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने शंका जाहिर की है कि कहीं नए संसद भवन के निर्माण के ठेके में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले जैसा तो कुछ नहीं हुआ है. स्वामी ने ट्वीट कर लिखा है, ‘क्या किसी को पता है कि टाटा को नए संसद परिसर के निर्माण के लिए कैसे चुना गया था? क्या इसके लिए निविदा मंगाई गई थीं या फिर इसे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की तरह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दे दिया गया’. 



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सात कंपनियों ने लगाई थी बोली
स्वामी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड ने भी नए संसद भवन के लिए बोली लगाई थी, लेकिन वह जीत नहीं पाई. उनसे पता लगाएंगे कि ऐसा क्यों हुआ’? बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआत में सात कंपनियों ने ठेका हासिल करने के लिए बोली लगाई थी. आखिरी चरण में तीन कंपनियों को चुना गया, जिसमें एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट्स और एक अन्य कंपनी शामिल थी. टाटा प्रोजेक्ट को सबसे कम बोली (861 करोड़) लगाने के लिए ठेका दिया गया.



पिछले साल पेश हुआ था प्रस्ताव
उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांच अगस्त 2019 को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही के दौरान नए संसद भवन के लिए प्रस्ताव पेश किया था. इसके पश्चात लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में सामान्य प्रयोजनों संबंधी समिति ने नए संसद भवन के डिजाइन में शामिल किए जाने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किए थे. नए संसद भवन का निर्माण वर्तमान संसद भवन के समीप लगे प्लॉट संख्या 118 पर किया जा रहा है.  


Petrol की कीमतों पर भी घेरा
 


इससे पहले, सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने अपने Tweet में लिखा था, ‘पेट्रोल के दाम 90 रुपये प्रति लीटर पहुंचना भारत सरकार की ओर से देशवासियों का आश्‍चर्यजनक शोषण है. रिफाइनरी में पेट्रोल के दाम 30 रुपये प्रति लीटर होते हैं. इसके बाद सभी तरह के टैक्‍स और पेट्रोल पंप कमीशन मिलाकर इसमें 60 रुपये तक की बढ़ोतरी होती है. मेरी नजर में पेट्रोल को अधिकतम 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाना चाहिए.'