Weather Update: धरती का स्वर्ग कही जाने वाली कश्मीर घाटी में झुलसती गर्मी पड़ रही है.3 जुलाई को तापमान 35.6 डिग्री पर पहुंच गया. विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में यह बढ़ोतरी का कारण लगातार शुष्क मौसम और धरती के बढ़ता तापमान है, जिससे अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई है.


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उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए कश्मीर घाटी में आये पर्यटक घाटी में पड़ रही भीषण गर्मी से बेहद निराश दिखे हैं. विश्व प्रसिद्ध डल झील और झील के किनारे का बुलेवार्ड रोड श्रीनगर शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक रहता है, लेकिन भीषण गर्मी के कारण दिन में यहां बहुत कम पर्यटक नजर आ रहे हैं. श्रीनगर में अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है. यह 1993 के बाद से श्रीनगर में दर्ज किया गया जुलाई का उच्चतम तापमान है, जब 09 जुलाई को अधिकतम तापमान 37.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था और 1999 में जुलाई में तापमान 36 को छू गया था. कुल मिलाकर, जुलाई में श्रीनगर में दर्ज किया गया यह 11वां सबसे अधिक तापमान है. अब तक का सबसे अधिक अधिकतम तापमान 10 जुलाई 1946 को 38.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.


फैजान आरिफ, मौसम विश्लेषण ने कहा "कल का तापमान 35.6 डिग्री था और यह 1999 के बाद से सबसे अधिक तापमान था जब तापमान 37.0 डिग्री था और यह श्रीनगर में जुलाई के महीने में दर्ज किया गया 11वां सबसे अधिक तापमान भी है. और यह केवल श्रीनगर ही नहीं बल्कि कोकरनाग जैसे ऊंचे इलाकों में भी अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया. काजीगुंड स्टेशन और गुलमर्ग ने भी अपने दशक पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया, उत्तरी मैदानी इलाकों और दक्षिण कश्मीर में भी इसी तरह की गर्मी देखी गई,''


कश्मीर घाटी, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में आने वाले पर्यटक अपने इलाकों में पड़ रही ताप्ती गर्मी से बचने के लिए आते हैं. लेकिन कश्मीर इस साल भी उतर भारत के मैदानी इलाकों से कुछ ख़ास अलग नहीं रहा है. जो लोग बर्फीली हवाओं को देखने और देश के बाकी हिस्सों की चिलचिलाती गर्मी से बचने की उम्मीद लेकर कश्मीर आये थे वह बहुत निराश हैं, वे घाटी में भी लू देखकर चौंक गए हैं. जो सोच कर आए थे उसके वीप्रीत देखने को मिल रहा है


पर्यटक रेतीश ने कहा कि हमने सोचा था कश्मीर जायेगे तो थोड़ी ठंडक मिलेगी लेकिन यहां मायूसी मिली, यहां पर तापमान बहुत ज़्यादा हाई है, जैसे यूपी में तापमान है, वैसा ही यहां है. इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग है.. प्रदूषण बहुत बढ़ गया है.. गाड़ियां बहुत बढ़ गई हैं.


मद्रास से आये गुरुराज नायक ने कहा कि हमने बहुत सामान सर्दियों का साथ लाया था. समझा था कि विंटर जैसा रहेगा. मगर कुछ भी इस्तेमाल नहीं हो रहा है. बहुत हीट है यहां. हम विंटर समझ कर आए थे. पहली बार आए हैं, लोगों ने कहा था की विंटर है. मगर ऐसा कुछ नहीं है. कुछ लोग आने वाले थे.. मगर हम उनको पोस्टपोन करने को कह रहे हैं.


पर्यटक तो निराश थे ही स्थानीय लोग भी बेहद परेशान हैं. झुलसती गर्मी से निजात मिलती नहीं दिख रही है. कश्मीर में आमतौर पर इतनी गर्मी पड़ती नहीं और लोग ऐसे तापमान के लिए तैयार नहीं होते. स्थानीय लोगों ने कहा कि ट्रांसपोर्ट कश्मीर में बहुत ज़्यादा हो गया है. बाहर से बहुत गाड़ियां आई हैं.. प्रदूषण बढ़ गया है. इसलिए गर्मी ज़्यादा हो गई है.


मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. श्रीनगर शहर में ही नहीं, बल्कि पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, कोकरनाग और वेरीनाग जैसे पर्यटन स्थलों पर भी मौसम के ऐसे ही मिजाज़ है. घाटी में मौसम की अनियमितता देखी जा रही है, अप्रैल के मध्य में भारी बर्फबारी और भीषण शीत लहर की स्थिति देखी गई और जून और जुलाई में घाटी अब लोगों को लू का सामना करना पड़ रहा है.


जम्मू  कश्मीर सरकार ने हीट वेव एक्शन प्लान के तहत प्रभावित व्यक्तियों की मदद करने के लिए विभागों और नोडल अधिकारियों को नियमित किया है. प्रशासन ने निवासियों से इस गर्मी के मौसम में सतर्क रहने और अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह भी किया है.