Supreme Court: एक ही शख्स को पद पर बनाए रखने पर क्यों अड़ी सरकार? सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल
Delhi Chief Secretary: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो एक ही शख्स (नरेश कुमार) को चीफ सेक्रेटरी के पद पर बनाए रखने के लिए क्यों अड़ी है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये सवाल तब किया, जब सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने दिल्ली के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को फिलहाल सेवा विस्तार देने का फैसला लिया है.
Delhi Chief Secretary: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो एक ही शख्स (नरेश कुमार) को चीफ सेक्रेटरी के पद पर बनाए रखने के लिए क्यों अड़ी है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये सवाल तब किया, जब सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने दिल्ली के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को फिलहाल सेवा विस्तार देने का फैसला लिया है. नरेश कुमार 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता से कहा कि आप चाहें तो किसी नए शख्स की इस पद पर नियुक्ति कर सकते है. अगर आप नरेश कुमार को ही सेवा विस्तार देना चाहते हैं, तो आपको स्पष्ट करना होगा कि किस प्रावधान के तहत आप ये फैसला ले रहे हैं. नरेश कुमार के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का आधार क्या है?
दिल्ली सरकार की याचिका
दरअसल मौजूदा चीफ सेक्रेटरी के रिटायरमेंट से पहले दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि उसको विश्वास में लिए बिना केंद्र सरकार नए चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति का एकतरफा फैसला न ले.
सुप्रीम कोर्ट ने निकाला बीच का रास्ता
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बीच का रास्ता निकालते हुए केंद्र सरकार से कहा था कि वो दिल्ली में चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति के लिए अपनी ओर से नाम सुझाए. केन्द्र सरकार की ओर से सुझाए गए नामों से दिल्ली सरकार चीफ सेक्रेटरी चुन लेगी. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक आज केंद्र सरकार की ओर से चीफ सेक्रेटरी पद पर नियुक्ति के लिए नाम कोर्ट के सामने रखें जाने की उम्मीद थी. लेकिन सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार ने फिलहाल कुछ महीनों के लिए नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाये जाने का फैसला लिया है.
सेवा विस्तार देने पर दिल्ली सरकार को ऐतराज
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया. सिंघवी ने कहा कि मौजूदा चीफ सेक्रेटरी और दिल्ली सरकार के बीच विश्वास का अभाव है. ये सेवा विस्तार का फैसला दिल्ली सरकार को दरकिनार कर लिया गया है, इसे वाजिब नहीं ठहराया जा सकता.
चीफ जस्टिस ने केंद्र से जवाब मांगा
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि नरेश कुमार को सेवा विस्तार देने का फैसला न लिया जाए. अगर दिल्ली सरकार, नरेश कुमार को चीफ सेक्रेटरी के पद पर नहीं रखना चाहती, तो आप उस शख्स के नाम पर ही क्यों पड़े है? क्या आपके पास इस पद के लिए एक ही आईएएस अधिकारी है? आप चाहें तो नए शख्स की नियुक्ति ख़ुद कर सकते हैं, पर अगर आप सेवा विस्तार का फैसला ले रहे हैं, तो आप ये साफ करें कि किस प्रावधान से आप ऐसा फैसला ले रहे है. इसका क्या आधार है? इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वो सरकार से निर्देश लेकर कोर्ट को इस बारे में अवगत कराएंगे.