नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को हरियाणा सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को दिल्ली सटे फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र (Aravali Forest Area) के लक्कड़पुर-खोरी गांव में अवैध रूप से बनाए गए लगभग 10 हजार घरों को हटाने का निर्देश दिया.


छह हफ्ते के भीतर घरों को हटाने का निर्देश


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न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने अपने आदेश में हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम को घरों को छह हफ्ते के भीतर ढहाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने फरीदाबाद पुलिस को निगम कर्मियों की सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम करने के लिए कहा है.


जमीन पर कब्जा करने वाले नहीं ले सकते कानूनी मदद


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) फरीदाबाद के अरावली इलाके के खोरी गांव में अवैध रूप से बनाए गए लगभग 10 हजार घरों को तोड़ने से रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करतेहुए यह आदेश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, 'जमीन पर कब्जा करने वाले कानून की शरण नहीं ले सकते.'


वन भूमि के साथ कोई समझौता नहीं: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज अपने आदेश में कहा, 'वन भूमि के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.' सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फरीदाबाद नगर निगम फरवरी 2020 के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेगा और बेदखली के आदेश को पूरा करेगा.


कोर्ट ने पुलिस को दिया सुरक्षा देने का निर्देश


फरीदाबाद नगर निगम की ओर से पेश वकील ने बताया कि वन क्षेत्र को खाली करने की कार्रवाई पर वहां लोगों द्वारा निगम की टीम पर पथराव किए जाते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि डीसीपी फरीदाबाद बेदखली प्रक्रिया में निगम अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगे.


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