नई दिल्ली: बिहार में विधान सभा चुनाव ( Bihar assembly elections) की बड़ी अड़चन दूर हो गई है. कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव टालने की याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव करवाना जनता का मौलिक अधिकार है. इसे टाला नहीं जा सकता है.


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बता दें कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवम्बर को समाप्त हो जाएगा. ऐसे में इस बार दीपावली से पहले नई विधान सभा का गठन हो सकता है. चुनाव आयोग आज बिहार विधान सभा चुनाव के लिए विस्तृत घोषणा करने जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि बिहार में तीन चरण में चुनाव हो सकते हैं. जबकि पिछली बार पांच चरणों में चुनाव हुए थे. 


कोरोना संकट के कारण पहले तो विधानसभा चुनाव कराने का विरोध सभी विपक्षी पार्टियों ने किया था, लेकिन जब निर्वाचन आयोग ने दृढ़ता से कहा कि चुनाव तय समय पर ही होंगे तो सब तैयारियों में जुटे हुए हैं. कोविड-19 का संकट आने के बाद ये पहला चुनाव होगा. ऐसे में सामाजिक दूरी रखना और मतदान के सुचारू ढंग से पूरा करवाना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगा. 


इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव टालने की याचिका खारिज करके बिहार विधान सभा चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अपने जनप्रतिनिधियों को चुनना जनता का अधिकार है. इसे आगे नहीं टाला जा सकता है. प्रशासन एहतियात बरतकर चुनाव करवा सकता है. 


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