नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने एक दंपति के झगड़े के मामले की सुनवाई करते हुए पति को कड़ी फटकार लगाई है और पत्नी का सम्मान कायम रखते हुए अपने घर वापस ले जाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने पति को चेतावनी देते हुए कहा कि पत्नी का सम्मान नहीं करने पर उन्हें जेल जाना होगा और विवाद समाधान के बाद पति व्यवहार पर कुछ समय तक न्यायिक निगरानी रहेगी.


पत्नी ने कही थी टॉर्चर करने की बात


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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ बिहार की राजधानी पटना (Patna) के रहने वाले व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी अपनी पत्नी के साथ बहुत कड़वाहट भरी कानूनी लड़ाई चल रही थी. पीठ ने हिंदी में पहले रांची (Ranchi) के कांके निवासी महिला से पूछा कि क्या वह व्यक्ति के साथ पत्नी के रूप में रहने के लिए अपनी ससुराल वापस जाना चाहती है. महिला ने सुनवाई के शुरू में कहा, 'मैं जाने को तैयार हूं, बस टॉर्चर ना करे.


पत्नी का सम्मान नहीं करने पर जाना होगा जेल: कोर्ट


न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने व्यक्ति से पूछा, 'क्या तुम सभी मुकदमे वापस लेना चाहते हो. एक तुम्हारे पिता ने भी दर्ज कराया है.' इस पर व्यक्ति ने 'हां' में जवाब दिया. पीठ ने कहा, 'कहीं यह जमानत पाने के लिए नाटक तो नहीं, हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे... हम इस याचिका को लंबित रख रहे हैं. सारे मुकदमे वापस लो और एफिडेविट दो. हम छोड़ेंगे नहीं. अन्यथा, तुम्हें वापस जेल जाना होगा. इसके बाद पति ने कहा कि वह पत्नी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करेगा और शांति से उसके साथ रहेगा.


कोर्ट ने सभी मुकदमे वापस लेने का दिया आदेश


जस्टिस सूर्यकांत ने व्यक्ति को अदालत में किया गया वायदा तोड़ने के खिलाफ आगाह किया और यह बताने के वास्ते शपथपत्र दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया कि वह तलाक की याचिका सहित अपनी पत्नी के खिलाफ दायर किए गए सभी मुकदमे वापस ले लेगा. इस बीच उसके सम्मान को कायम रखते हुए उसे वापस अपने घर ले जाएगा.


कोर्ट ने वकील को भी लगाई फटकार


व्यक्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश ने पैरवी की. पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि अपनी पृष्ठभूमि की वजह से वह अलग रह रहे पति-पत्नी को विवाद का समाधान सौहार्दपूर्ण ढंग से करने की सलाह दे सकती थीं.


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