Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी राहत दी है. शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक लगाते हुए बागी विधायकों को अयोग्यता पर जवाब देने के लिए और मोहलत दे दी है.


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याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा


डिप्टी स्पीकर नरहरी जीरवाल ने एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी किया था. बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस का आज शाम 5:30 बजे तक जवाब देना था. सुप्रीम कोर्ट ने यह समयसीमा बढ़ाकर 11 जुलाई शाम 5:30 बजे कर दी है. डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक लगाने के मुद्दे पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें सभी को उचित अवसर देने की जरूरत है. हर किसी को उचित समय मिलना चाहिए ताकि हम गुण के आधार पर सभी सवालों का जवाब दे सकें.



इन दो याचिकाओं पर सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें डिप्टी स्पीकर नरहरी जिरवाल द्वारा अजय चौधरी को शिंदे के स्थान पर शिवसेना विधायक दल (एसएसएलपी) के नेता के रूप में मान्यता देने और शिंदे और 15 विधायकों को अयोग्यता नोटिस देने के फैसले को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को बागी विधायकों द्वारा उन्हें दिए गए अविश्वास नोटिस के हलफनामे रिकॉर्ड पर रखने को कहा है.


बागी विधायकों की सुरक्षा देने के निर्देश


सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से बागी विधायकों या किसी भी नागरिक (यानी बागी विधायकों के समर्थक) की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. राज्य सरकार ने कहा कि वह 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए तत्काल और पर्याप्त उपाय करेगी.


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