ताज संरक्षण मामला : SC में आगरा MCD ने कहा, `वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए नई जगह की पहचान हुई`
पिछली सुनवाई में खराब रखरखाव को लेकर फटकार लगाई थी और कहा था कि हम ऐतिहासिक स्थलों को लेकर चिंतित है. इसके लिए यूपी सरकार को भी एक्टिव होना होगा.
नई दिल्ली : ताजमहल के संरक्षण मामले में आगरा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने को लेकर इजाज़त मांगी. आगरा नगर निगम ने कहा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट कहां लगाना है उस जगह की पहचान कर ली गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसीबी और नीर को जगह का निरक्षण कर के 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि प्लांट ताज में नहीं होना चाहिए. पिछली सुनवाई में खराब रखरखाव को लेकर फटकार लगाई थी और कहा था कि हम ऐतिहासिक स्थलों को लेकर चिंतित है. इसके लिए यूपी सरकार को भी एक्टिव होना होगा.
इससे पहले पिछले साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ताजमहल का हेरिटेज प्लान यूनेस्को को देने से पहले ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, इसे आठ हफ्ते में फाइनल कर लिया जाएगा. विजन डॉक्यूमेंट ड्राफ्ट कमेटी की अधिकारी और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की मीनाक्षी धोते ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेन्ट के बारे में ईमेल और कागजों पर सुझाव मिल रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि एएसआई से भी इस बाबत बातचीत हो रही है, उनके एक्सपर्ट से बात करके सुझाव लिए जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेंट मिलते ही उसे पब्लिक डोमेन में डाल दें. उधर, यूपी सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट को सीक्रेट बताया था जिस पर कोर्ट ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेंट को पब्लिकली किया जाए.
उल्लेखनीय है कि 24 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल संरक्षण के लिए बन रहे विजन डॉक्यूमेंट का शुरुआती ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था. ड्राफ्ट विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया था कि ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके को 'नो प्लास्टिक जोन' घोषित किया जाए, वहां बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध लगाया जाए. विजन डॉक्यूमेंट में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की भी बात की गई है. साथ ही यूपी सरकार ने कहा था कि ताजमहल के प्रदूषणकारी उद्योग हटेंगे और यमुना रिवरफ्रंट के साथ पदयात्रियों के लिए सड़क बनेगी,इससे यातायात घटेगा.