Stridhan Supreme Court Judgement: सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारों से जुड़ा एक अहम फैसला सुनाया है. अदालत के अनुसार, पत्नी के 'स्त्रीधन' पर पति का कोई अधिकार नहीं बनता. दूसरे शब्दों में, पत्नी की प्रॉपर्टी पर पति को किसी तरह का हक हासिल नहीं है. कोर्ट ने कहा कि मुसीबत के वक्त में पति जरूर पत्नी की संपत्ति (स्त्रीधन) का इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन बाद में उसे पत्नी को लौटा देना पति की नैतिक दायित्व बनता है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि 'स्त्रीधन' प्रॉपर्टी शादी के बाद पति और पत्नी की साझा संपत्ति नहीं बन जाती. पति का उस संपत्ति पर किसी तरह का मालिकाना हक नहीं बनता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी आपसी विश्वास पर टिकी होती है. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की. अदालत एक महिला की याचिका सुन रही थी जिसके पति ने उसे मायके से मिला सोना रख लिया था. कोर्ट ने आदेश दिया कि सोने के बदले पति अपनी पत्नी को 25 लाख रुपये अदा करे. पढ़ें, 'स्त्रीधन' पर सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले की 5 बड़ी बातें.