नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक चैनल के विवादित शो के प्रसारण पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम पांच सदस्यीय एक कमेटी के गठन करने के पक्ष में है, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कुछ निश्चित मानक तय कर सके. सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव दिया कि मीडिया की भूमिका पर विचार कर सुझाव देने के लिए गणमान्य नागरिकों की एक 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या हाई कोर्ट के कोई पूर्व चीफ जस्टिस करें.


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'समुदाय को निशाना बनाना सही नहीं'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता निरंकुश नहीं हो सकती. इसके लिए कुछ नियम बनाए जाने जरूरी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी विदेशी संगठन की कथित साज़िश पर खबर चलाना अलग बात, लेकिन किसी पूरे समुदाय को साजिश में शामिल कहना सही नहीं.


नहीं काम आई खोजी पत्रकारिता की दलील
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यक्रम में कई तथ्यात्मक गलतियां हैं. मुसलमानों की आयु सीमा 35 रखने की बात और परीक्षा देने के ज्यादा मौके का गलत दावा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि कार्यक्रम के जरिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. चैनल के वकील ने इस कार्यक्रम को खोजी पत्रकारिता बताया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में ये वैमनस्य और समाज में बंटवारा करने वाला कार्यक्रम लगता है.


हालांकि केंद्र सरकार ने 9 सितंबर को शो के प्रसारण की अनुमति दी थी, इसके बाद 11 और 14 सितंबर को इसके दो एपिसोड प्रसारित भी हुए थे. अब मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी, तब तक इस कार्यक्रम का प्रसारण नहीं होगा.


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