नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों की आवाजाही के लिए यूपी, दिल्‍ली और हरियाणा से एकीकृत व्यवस्था बनाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए एक समान नीति, एक ही पोर्टल जैसी व्यवस्था हो. कोर्ट के मुताबिक एक पास जारी हो जिसकी हरियाणा, यूपी और दिल्ली में मान्यता हो. 1 हफ्ते में राज्‍यों से इस बारे में कदम उठाने को कहा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल लॉकडाउन होने के बाद इन तीनों राज्‍यों की तरफ से अलग-अलग व्‍यवस्‍था बनाए जाने के बाद हाल के दिनों में एनसीआर के लोगों की दिक्‍कतें बहुत बढ़ गई थीं. एनसीआर के क्षेत्रों में आने-जाने में दिक्‍कतें हो रही थीं.  हालांकि इस तरह की मांग पहले से उठती रही है. इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने व्‍यवस्‍था देते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक सुस्‍पष्‍ट व्‍यवस्‍था होनी चाहिए. इसके लिए सभी राज्‍य मिल-जुलकर एक ऐसी व्‍यवस्‍था बनाएं जिससे क‍ि केवल एक कॉमन प्‍लेटफार्म हो और एक ही पास से पूरे एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही सुनिश्चित की जा सके. एक हफ्ते के भीतर ही इसका समाधान खोजने की व्‍यवस्‍था की जाए.


LIVE TV



लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के बीच सीमाएं सील होने से दिल्ली-एनसीआर में परेशानी झेल रहे लोगों को राहत मिल जाएगी. सर्वोच्च अदालत ने साफ तौर पर कहा कि दिल्ली-एनसीआर के लिए एक ही पास होना चाहिए. पास ऐसा होना चाहिए, जिसके जरिए हरियाणा, यूपी और दिल्ली में कामकाज के सिलसिले में यहां रहने वाले लोग प्रवेश कर सकें.


दिल्ली-एनसीआर में राज्यों कि सीमाएं सील किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गत माह एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि ऐसा किया जाना असंवैधानिक है. राज्यों के प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय पूरी तरह से गलत है. जरूरी गतिविधियों के लिए छूट मुहैया कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर एक कॉमन प्रोग्राम या पोर्टल तैयार कर दिल्ली-एनसीआर के लिए एक अंतर-राज्यीय पास तैयार कर समाधान निकालने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों राज्यों के लिए एक ही पास होना चाहिए. मतलब इसका पास एक ही जगह एक ही पोर्टल पर बनना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र से इसपर एक हफ्ते में समाधान निकालने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर इसका समाधान निकाले.