Supreme Court : रेप के मामले में 11 साल से जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. आसाराम ने जेल में अपनी बेहद खराब सेहत का हवाला देकर जमानत की मांग की थी. आसाराम की ओर से जमानत अर्जी में यहां तक कहा गया था, कि जिस तरह से उनकी हालत बिगड़ रही है,उसके चलते जेल में उनकी मौत भी हो सकती है. 


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सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से तो इंकार कर दिया, लेकिन उन्हें ये इजाजत दे दी कि वह पुलिस कस्टड़ी में आयुवेर्दिक इलाज की मांग के लिए हाई कोर्ट का रुख कर सकते है. इसके साथ ही कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट से कहा है, कि वह निचली अदालत से मिली उम्रकैद की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर तेजी से सुनवाई करें. 


 


आसाराम ने कोर्ट से लगाई गुहार


 


2018 में जोधपुर की अदालत ने आसाराम को अपने आश्रम में नाबालिग से बलात्कार का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी गई थी. इसके खिलाफ आसाराम की याचिका हाईकोर्ट में पेंडिंग है. आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर कहा है, कि इस केस ने उन्हें जीवन-मरण की स्थिति में डाल दिया है. उनकी उम्र 85 साल से ज्यादा हो चली है. जेल में रहकर हर पल उनकी तबियत खराब हो रही है, अगर उन्हें जेल के बाहर अपनी मर्जी से  डॉक्टर/ अस्पताल से इलाज की इजाजत नहीं मिलती है, तो जेल में उनकी मौत भी हो सकती है.


 


ईश्वर, कोर्ट के अलावा कोई चारा नहीं'


 


याचिका में आसाराम ने कहा है, कि  जिस तरह की उनकी हालत है, ऐसे में उनके पास ईश्वर और कोर्ट के सामने गुहार लगाने के अलावा कोई और चारा नहीं है. अगर कोर्ट इस स्टेज पर भी उनकी मदद नहीं करता तो उन्हें अपील पेंडिंग रहते हुए सबसे बड़ी सजा यानि मौत की सजा झेलनी पड़ सकती है.


 


आसाराम के वकीलों की दलील


 


आसाराम की ओर से पेश मुकुल रोहतगी और देवदत्त कामथ ने कहा कि आसाराम को कई बार हार्ट अटैक आ चुका है. पिछले चार महीने में तीन बार उन्हें छाती में दर्द की  जह से हॉस्पिटल ले जाना पड़ा है. पिछली 21 फरवरी को छाती में दर्द की वजह से उन्हें एम्स जोधपुर ले जाना पड़ा.