Farmers Protest: सरकार का कृषि कानून रद्द करने से इनकार, कोर्ट जाने का दिया सुझाव
किसानों और सरकार के बीच दसवें दौर की बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, अगर किसान चाहें तो कोर्ट चले जाएं. इस पर किसानों ने कोर्ट जाने से साफ इनकार कर दिया.
नई दिल्ली: किसानों और सरकार के बीच 10वें राउंड की बैठक जारी है. इस बैठक से पहले ही किसान अपने तेवर जाहिर कर कर चुके हैं वहीं सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से भी कृषि कानून (Farm Law) रद्द किए जाने से साफ इनकार कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने किसानों से कहा है कि अगर वे चाहें तो कोर्ट जा सकते हैं लेकिन किसानों ने कोर्ट जाने से इनकार कर दिया है.
NIA का मुद्दा भी उठा
10वें दौर की बैठक में किसान नेताओं ने NIA का मुद्दा उठाया. शिमला में गिरफ्तार हुए किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी NIA के निशाने पर हैं. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि निर्दोश लोगों की आप लिस्ट दे दीजिए. उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी भी निर्दोश के साथ गलत नहीं होगा. साथ ही किसानों को तीनों बिलों के फायदे बताते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि बिल किसानों के हित में हैं. अगर फिर भी कोई संशोधन चाहिए तो हम करने के लिए तैयार हैं.
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किसान बोले- वापसी से कम मंजूर नहीं
किसानों की तरफ से बैठक में साफ गया कि संशोधन नहीं हम तीनों बिलों की वापसी चाहते हैं. बिल वापसी से कम किसानों को मंजूर नहीं है. किसानों और सरकार के बीच बैठक से पहले ट्रैक्टर मार्च पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए साफ कहा कि दिल्ली पुलिस अर्जी वापस ले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला पूरी तरह पुलिस का है. पुलिस अपने हिसाब से फैसला ले.
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