Farmers Protest: ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने से SC का इनकार
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Farmers Protest: ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने से SC का इनकार

किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच ट्रैक्टर मार्च को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली पुलिस अर्जी वापस ले. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: किसान यूनियनों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) निकालने के ऐलान के बाद इस पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश देने से इनकार करते हुए साफ कहा है कि दिल्ली पुलिस अपनी अर्जी वापस ले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, हम पहले ही कह चुके हैं कि यह मामला पूरी तरह पुलिस का है. पुलिस अपने हिसाब से फैसला ले.

'दिल्ली पुलिस वापस ले अर्जी'

सुनवाई के दौरान एटॉर्नी जनरल ने चीफ जस्टिस को बताया कि 5 हजार ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुसने की बात कही जा रही है इस पर सीजेआई ने कहा कि यह मसला पुलिस देखे. हमें इस पर कुछ नहीं कहना है. CJI ने कहा कि हम प्रशांत भूषण की बात पर भरोसा रखते हैं कि सब कुछ शांतिपूर्ण होगा. दिल्ली पुलिस से कहा, अथॉरिटी के तौर पर आप आदेश जारी करें. इस पर AG ने कहा कि आप अर्जी को लंबित रखें तो CJI ने कहा कि नहीं आप अपनी अर्जी को वापस लें.

किसान अपने फैसले पर अड़े

वहीं किसान नेता राकेश टिकैट ने सख्त लहजे में कहा, 'कौन रोकेगा ट्रैक्टर रैली को? बक्कल उतार देंगे.' उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, मंत्री कान खोल कर सुन लें किसान वापस नहीं जाएगा. उन्होंने कहा 3 नए कृषि कानून वापसी और MSP पर कानून न बनने तक किसान डटा रहेगा. ट्रैक्टर रैली भी निकाली जाएगी.  

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कमेटी पर भी चर्चा हुई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा बनाई गई कमेटी पर भी चर्चा हुई. किसानों द्वारा कमेटी पर सवाल उठाने पर CJI ने कहा, 'इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है. आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना मत हों लेकिन किसी की इस तरह ब्राडिंग न करें. भगवंत सिंह मान के कमेटी से हटने के बारे में बताया गया तो CJI ने कहा कि अगर व्यक्ति किसी मामले में अपनी एक राय रखता है तो इसका मतलब क्या? कभी कभी जज भी राय रखते हैं लेकिन सुनवाई के दौरान वो अपनी राय बदलकर फैसला देते हैं. सीजेआई ने कहा, कमेटी के पास कोई अधिकार नहीं है तो आप कमेटी पर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकते. अगर आप कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते तो हम आपको बाध्य नहीं करेंगे. 

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