केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से झटका, कहा- तीसरी बार ED डायरेक्टर बनाना गलत, 31 जुलाई तक छोड़ना होगा पद
सुनवाई के दौरान आदेश सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार विस्तार दिया जाना कानून के तहत अमान्य है. साथ ही कोर्ट ने विस्तार के आदेश को `अवैध` करार दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा को तीसरी बार विस्तार देने के आदेश को रद्द कर दिया है. सुनवाई के दौरान आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि तीसरी बार विस्तार कानून के तहत अमान्य है. साथ ही कोर्ट ने विस्तार के आदेश को 'अवैध' करार दिया. अदालत ने मिश्रा को ईडी के डायरेक्टर का पद छोड़ने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है. यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वर्तमान निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है.
हालांकि, शीर्ष अदालत ने डीएसपीई और सीवीसी अधिनियम में संशोधन की पुष्टि की, जिससे केंद्र को सीबीआई प्रमुख और ईडी निदेशक के कार्यकाल को उनके अनिवार्य दो साल के कार्यकाल से 3 साल आगे बढ़ाने का अधिकार मिल गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'एफएटीएफ समीक्षा और कार्यभार के सुचारु हस्तांतरण के लिए ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई 2023 तक रहेगा.'
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को 31 जुलाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय के नए डायरेक्टर की नियुक्ति करनी होगी. केंद्र सरकार ने संजय मिश्रा को सेवा विस्तार दिया था जिसके बाद वो इस साल नवंबर तक इस पद पर रहने वाले थे.
उन्हें पिछले कुछ सालों से लगातार सेवा विस्तार मिल रहा था. उनके सेवा विस्तार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हालांकि, कोर्ट ने CVC और DSPE एक्ट में किये गए संसोधन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा. इन संसोधन के जरिये CBI और ED निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. यह कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया. मई 2020 में, वह 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच गए.