Maharashtra Politics: राहुल नार्वेकर जी 31 दिसंबर तक फैसला कीजिए, शिवसेना के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट का फरमान
Supreme Court: शिवसेना (Shiv Sena Row) के विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है.
Shiv Sena Row Maharashtra: महाराष्ट्र में शिवसेना में हुई दो फाड़ से जुड़े शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज मामले की सुनवाई करते हुए विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने ये फरमान सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा, 'उद्धव ठाकरे से जुड़ी याचिका पर 31 दिसंबर तक वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से दायर याचिकाओं पर 31 जनवरी तक फैसला लिया जाए.
पिछली सुनवाई में CJI ने जताई थी नाराजगी
इस मामले में पिछली सुनवाई 17 अक्तूबर को हुई थी. उस सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि हम इस मामले में समय सारिणी से संतुष्ट नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थित विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला करने में देरी पर विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि स्पीकर शीर्ष अदालत के आदेशों को खारिज नहीं कर सकते.
बागी विधायकों के खिलाफ मामला लंबित
सीजेआई ने स्पीकर के आचरण को लेकर पीठ की नाराजगी से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अवगत कराते हुए एसजी से कहा, 'मिस्टर सॉलिसिटर, किसी को स्पीकर को सलाह देनी होगी. वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को खारिज नहीं कर सकते. वो किस तरह की समय-सारणी निर्धारित कर रहे हैं?. पिछली बार, हमने सोचा था कि बेहतर समझ कायम होगी और उन्होंने पूछा था कि शेड्यूल निर्धारित करें. जून के बाद से इस केस में कोई कार्रवाई नहीं हुई है... ये दिखावा नहीं बन सकता. सुनवाई होनी चाहिए. यह निर्णय अगले चुनाव से काफी पहले लिया जाना चाहिए और यह पूरी प्रक्रिया को निष्फल बनाने के लिए आसानी से जारी नहीं रखा जा सकता है.'
56 विधायकों का भविष्य दांव पर
इससे पहले, बेंच ने कहा था कि 56 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं. शिवसेना मामले के साथ-साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट के सदस्य जयंत पाटिल द्वारा अजीत पवार गुट के खिलाफ स्पीकर द्वारा शीघ्र निर्णय के लिए दायर रिट याचिका भी सूचीबद्ध हैं.