African Swine Flu in Kerala: कोरोना के बढ़ते मामले और मंकीपॉक्स के खतरे के बीच देश में एक और बीमारी तेजी से पैर पसारने लगी है. केरल के वायनाड में अफ्रीकी स्वाइन बुखार यानी स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ने लगा है. इसे लेकर पूरे देश में चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. वायनाड में इसे फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इस क्रम में प्रशासन ने सुअरों को मारने की प्रक्रिया रविवार से शुरू कर दी है. सरकार के सुअरों के मारने के फैसले का कुछ किसानों ने विरोध भी किया है.


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वायनाड में फैल रहा स्वाइन बुखार


केरल के वायनाड जिले में हाल ही में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के कुछ मामले सामने आए हैं. मानंतवाड़ी की उप कलेक्टर ने कहा कि किसान भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु अनुसंधान संस्थान से मिली जांच रिपोर्ट दिखाने पर सुअरों को मारने की प्रक्रिया में सहयोग करने को राज़ी हो गए.


स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या हैं?


-तीन दिनों से ज्यादा 101 डिग्री से ऊपर बुखार
-गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत
-नाक बहना, नाक बंद होना
-थकान, भूख में कमी, उल्टी


सुअरों को मारा जा रहा


मानंतवाड़ी के एक फार्म से बीमारी के दो मामले मिले थे जिनके नमूने भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे. उप कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित एक किसान के पास 360 सुअर थे और उन्हें बताया गया है कि बीमारी को अन्य इलाकों या फार्म में फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के मुताबिक, सुअरों को मारा जा रहा है और ‍वह इस प्रक्रिया में सहयोग करने को लेकर सहमत हो गए हैं.


दो फार्म में संक्रमित पाए गए सुअर


उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित किसानों को हर्जाना देने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि वायनाड जिले के मानंतवाड़ी इलाके के दो फार्म में सुअर अफ्रीकी स्वाइन बुखार से संक्रमित पाए गए थे और एक फार्म के सभी पशुओं की इस बुखार से मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि अन्य फार्म में रविवार को पशुओं को मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यह एक हफ्ते में पूरी हो जाएगी.


इन बातों का रखें ख्याल


-नियमित रूप से हाथ धोना ना भूलें
-सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें
-संक्रमित लोगों के चेहरे को छूने से बचें
-भीड़-भाड़ वाली जगहों से करें परहेज


बरती जा रही विशेष सावधानी


एक प्रभावित किसान ने टीवी चैनल से कहा कि वह नहीं मानते हैं कि उनके फार्म के पशु स्वाइन से संक्रमित थे और सरकार को सुअरों को मारने पर फैसला करने के लिए कुछ दिन इंतजार करना चाहिए. केरल की पशुपालन मंत्री जे. सी. रानी ने राज्य में इस बीमारी के मामले मिलने की शुक्रवार को पुष्टि की थी और सुअर फार्म को निर्देश दिया था कि वे स्वाइन बुखार कार्रवाई योजना के तहत जैव सुरक्षा और अपशिष्ट निपटान तंत्र को सख्ती से लागू करें. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, अफ्रीकी स्वाइन बुखार सुअरों की एक अत्यधिक संक्रामक और घातक संक्रामक बीमारी है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)


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