Indian Army के खतरनाक टैंक देख दुश्मन के छूट जाते हैं पसीने, जानें कौन हैं इनमें सबसे घातक
Indian Army Tank: यहां उन टैंक्स के बारे में जिक्र किया गया है जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना जंग के दौरान करती है.
List Of Indian Army Battle Tanks: भारतीय सेना को दुनिया की सबसे काबिल सेनाओं में से एक माना जाता है. भारतीय सेना के हौसले और सूझबूझ की तारीफ हर तरफ की जाती है. आज हम बात करने वाले हैं Indian Army में शामिल एडवांस टेक्नोलॉजी के टैंक के बारे में जिनका इस्तेमाल कर सेना ने एक से बड़े एक जंग में फतेह हासिल की है. इसके साथ ही इन टैंक की खासियत पर भी हम बात करेंगे. ऐसे तो भारत के पास कई टैंक्स हैं. इनमें से कुछ मेन टैंक्स के बारे में हम यहां जानने वाले हैं.
अर्जुन टैंक को देख दुश्मन भी कांपने लगता है
इस लिस्ट में पहला नंबर है अर्जुन टैंक का. अर्जुन टैंक को आप देशी टैंक भी कह सकते हैं क्योंकि इसे बनाने का क्रेडिट डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट आर्गेनाइजेशन (Defence Research and Development Organisation-DRDO) को जाता है. इसे बनाने में कॉम्बैट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (Combat Vehicles Research & Development Establishment-CVRDE) ने भी आपना योगदान दिया है. 70 किलोमीटर प्रति घंटे स्पीड वाला ये टैंक उबड़खाबड़ रास्ते पर भी 40 किलोमाटर प्रति घंटे की स्पीड से भागता है. एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस इस टैंक का वजन करीब 58 टन है. अर्जुन टैंक मात्र एक मिनट 6-8 राउंड फायर करने सक्षम है.
T-90 भीष्म टैंक के सामने दुश्मन पस्त
देश की सुरक्षा के लिहाज से साल 2001 में भारत ने रूस से 310 T-90 टैंक के लिए एक सौदा किया. इनमें से 124 टैंकों को रूस ने बनाकर दिया था और बाकि बचे सभी टैंक्स को भारत में असेंबल किया गया था जो भारत में असेंबल किया गया उन्हें भीष्म कहा गया. अभी भारत के पास करीब 2000 से ज्यादा T-90 टैंक मौजूद हैं. 60 किलोमिटर की स्पीड से चलने वाला ये टैंक 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन से लैस है और इसकी ऑपरेशनल रेंज करीब 550 किलोमीटर तक है.
T-72 टैंक को देख दुश्मन भागता दूर
लाइटवेट टैंक की बात करें तो भारतीय सेना के पास T-72 टैंक हैं जिसका वेट करीब 41 टन के आस पास है. इस टैंक के तीन वर्जन हैं अजेय MK1, अजेय MK2 और कॉम्बैट इमप्रूव्ड अजेय जिनका भारत इस्तेमाल करता है. 125 मिलीमीटर स्मूथबोर गन से लैस ये टैंक 60 से 70 किलोमीटर की स्पीड से चलता है. कम गहराई वाली नदियों को ये टैंक आसानी से पार कर लेता है. इस टैंक की खासियत है कि ये रीस्टार्ट होने में केवल 6-7 सेकेंड्स का वक्त लेता है. भारतीय सेना में इनकी संख्या करीब 2400 के आस-पास है.
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