Delhi NCR AQI: सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देशों के लिए दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब NCR क्षेत्र के सभी राज्य एक समान निर्णय लें.
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Delhi AQI Today: दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई और शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 451 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर में 35 निगरानी केंद्रों में से 32 ने वायु गुणवत्ता को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया. कुछ क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर 470 तक पहुंच गया। राष्ट्रीय राजधानी में अभी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) 4 लागू है. इसके तहत निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध तथा प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध शामिल है. इधर गुरुवार को प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर पूरे साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है, जिसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी. दिल्ली सरकार के वकील को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वे भी इसी प्रकार का प्रतिबंध लागू करें, जब तक अगले आदेश न दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देशों के लिए दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. 12 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया था कि उसने जनवरी तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन वह पूरे साल के लिए प्रतिबंध लागू करने पर विचार कर रही है, जो जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा. इस पर कोर्ट ने NCR राज्यों (हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को यह निर्देश दिया कि वे पूरे साल के पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के अपने फैसले अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें.
कोर्ट में बतौर अमिकस क्यूरी पेश हुई अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने बताया कि दिल्ली सरकार ने पूरे साल के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. हरियाणा सरकार ने कहा कि वह केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति देगी. राजस्थान सरकार ने कहा कि उसने NCR क्षेत्र में पूरी तरह से पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि वह पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाना चाहती. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब NCR क्षेत्र के सभी राज्य समान निर्णय लें. इसके बाद, कोर्ट ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को ग्रैप 4 प्रतिबंधों के तहत प्रभावित श्रमिकों की पहचान करने और उन्हें जीवनयापन भत्ते प्रदान करने का निर्देश भी दिया. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पटाखों पर यह प्रतिबंध न केवल वायु प्रदूषण को बल्कि ध्वनि प्रदूषण को भी नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रतिबंध पटाखों की बिक्री, निर्माण, भंडारण और उपयोग पर लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR राज्यों की सरकारों को GRAP-4 नियमों का सख्ती से पालन के लिए टीमों का गठन करने का भी निर्देश दिया.
इनपुट: एजेंसी
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