Telengana BJP Leader:  भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंदी संजय ने दावा किया है कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 25 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर विधायक भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद एक दर्जन कांग्रेस विधायकों के बीआरएस में जाने के संदर्भ में ट्वीट किया, बीजेपी बीआरएस की तरह राजनीतिक वेश्यावृत्ति में शामिल नहीं होगी.


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संजय, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव के उस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें रामाराव ने कहा था कि हैदराबाद में भाजपा नगरसेवक बीआरएस के संपर्क में हैं. संजय ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार की विफलताओं पर सवाल उठा रही है और राज्य सरकार भाजपा को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही है.


उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में, बीआरएस उम्मीदवारों को 30 विधानसभा क्षेत्रों में जमानत जब्त हो जाएगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव कांग्रेस को पैसा दे रहे हैं.


यह कहते हुए कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, भाजपा नेता ने लोगों से भाजपा को मौका देने की अपील की. उन्होंने कहा कि केंद्र ने तेलंगाना में सड़कों के लिए 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए, 2.5 लाख घरों को मंजूरी दी, और रेलवे के लिए 32,000 करोड़ रुपये आवंटित किए.


संजय ने कहा कि बीआरएस के नेता कमीशन और जमीन हड़पने के लिए पार्टी निर्वाचन क्षेत्र कार्यालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, हम जनता की समस्याओं को हल करने और लोगों की ओर से लड़ने के लिए भाजपा कार्यालयों का उपयोग कर रहे हैं. इसके तहत कुथबुल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा कार्यालय का उद्घाटन किया.


इस अवसर पर उन्होंने धरनी पोर्टल की आलोचना करते हुए कहा कि इससे केवल केसीआर परिवार को लाभ हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि धरनी को केसीआर परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई भूमि को नियमित करने के लिए लाया गया. उन्होंने टिप्पणी की कि धरनी के पीड़ितों के साथ एक जनसभा आयोजित की जा सकती है.


संजय ने यह भी टिप्पणी की कि तेलंगाना में कांग्रेस की कोई उपस्थिति नहीं है. उन्होंने कहा, विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी. ऐसी पार्टी राज्य में एक विकल्प कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा कि यह बीआरएस ही है, जिसने भाजपा का विरोध करने के लिए कांग्रेस पार्टी से हाथ मिलाया है. संजय ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदुत्व के बारे में बोलना जारी रखेगी. उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा की वजह से है कि कांग्रेस और बीआरएस के नेता चारमीनार में भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाने लगे.


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