हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बढ़ती तनातनी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर के दौरे के दौरान नदारद रहे. उन्होंने कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं, इसलिए वह प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके. 


KCR ने किया पीएम मोदी का अपमान?


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उनकी गैरमौजूदगी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि KCR प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहे और आरोप लगाया कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान किया है. मुख्यमंत्री राव के प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में शामिल न होने पर स्पष्टीकरण देते हुए TRS पार्टी ने अपने ट्विटर पेज पर कहा कि मुख्यमंत्री के लिए एक निजी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री की अगवानी करना आवश्यक नहीं होता है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘निजी दौरे पर प्रधानमंत्री की अगवानी करना मुख्यमंत्री के लिए आवश्यक नहीं होता है. यह पूरी तरह भारत सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार है जिसे गृह मंत्रालय ने वैधता दी है. तेलंगाना भाजपा को ये सस्ते और भ्रामक हथकंडे रोक देने चाहिए.’ 


7 घंटे राज्य में रहे पीएम मोदी


आपको बता दें कि पीएम मोदी 11वीं सदी के संत श्री रामानुजाचार्य (Shri Ramanujacharya) की स्मृति में ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी’ (Statue of Equality) राष्ट्र को समर्पित करने और अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय के लिए अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करने गए हुए थे. वह करीब 7 घंटे तक राज्य में रहे. ICRISAT के दौरे के दौरान मोदी को एक खेत से चने तोड़ते हुए और उन्हें चबाते हुए देखा गया. 


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तमाम नेता रहे मौजूद


पीएम मोदी ने रामानुजाचार्य के प्रतिमा स्थल पर यज्ञ शाला में विशेष पूजा-अर्चना की तथा पंडितों से आशीर्वाद लिया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी ICRISAT के कार्यक्रम को संबोधित किया. राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव उन वीआईपी लोगों में शामिल थे, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की. 


पीएम के साथ न दिखने पर विवाद


KCR के आधिकारिक निवास ‘प्रगति भवन’ के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है, क्योंकि वह ‘बुखार से पीड़ित हैं.’ सूत्रों ने संकेत दिया था कि राव श्री रामानुजाचार्य कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं. हालांकि, वह मंच पर नहीं देखे गए. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक पत्र में कहा गया कि तलसानी श्रीनिवास यादव को आज दौरे के दौरान प्रधानमंत्री के आगमन और प्रस्थान के समय उनका स्वागत करने और विदा करने के लिए नामित किया गया है. 


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भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति


इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने KCR की अनुपस्थिति पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान ‘मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह के खोखले बहाने का हवाला देना शर्मनाक है.’ कुमार ने कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहते हैं, क्योंकि पूरा देश प्रधानमंत्री के बारे में राव द्वारा कही गई बात से खफा है. उन्होंने सवाल किया, ‘राव, क्या यही आपकी संस्कृति है? आप दावा करते हैं कि आपने 80,000 किताबें पढ़ी हैं. क्या आपने उनसे यही सीखा है?’ 


कुमार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का अपमान पूरे देश का अपमान है. राव अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के बाद अब मोदी का सामना करने से डर रहे हैं.’ आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से भाजपा और TRS के बीच लगातार जुबानी जंग चल रही है. क्षेत्रीय पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने तेलंगाना से धान खरीदने से इनकार कर दिया, जबकि भाजपा ने आरोपों को खारिज किया. गौरतलब है कि बंदी संजय को हाल में तब गिरफ्तार किया गया था जब वह सरकारी कर्मचारियों से जुड़े एक आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए करीमनगर में अपने कार्यालय में ‘दीक्षा’ ले रहे थे. 


केंद्र पर लगातार हमलावर हैं KCR 


इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए और करीमनगर के सांसद ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ मनमाने ढंग से गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए लोक सभा सचिवालय में शिकायत दर्ज कराई. केंद्रीय बजट 2022-23 को ‘गोलमाल बजट’ बताते हुए राव ने हाल में दावा किया था कि यह लोगों के साथ ‘विश्वासघात’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों देश को अपनी क्षमता का एहसास कराने में विफल रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि वह ‘गुणात्मक परिवर्तन’ लाने की दिशा में प्रयास करेंगे. राव ने दावा किया था कि मोदी ‘बहुत अदूरदर्शी प्रधानमंत्री’ हैं, क्योंकि बजट में गुजरात के गिफ्ट सिटी में विवाद समाधान के लिए एक मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि ऐसा केंद्र पहले से ही हैदराबाद में स्थापित किया जा रहा है.


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