West Bengal News: द केरल स्टोरी के बाद अब एक और फिल्म पर बवाल मचना शुरू हो चुका है. इस फिल्म का नाम है द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल.फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हो चुका है. अब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने इस फिल्म के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर 30 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है. फिल्म डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर एक महीने पहले आया था लेकिन अब पश्चिम बंगाल में इस फिल्म के डायरेक्टर सनोज मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. बंगाल पुलिस ने डायरेक्टर सनोज मिश्रा को 30 मई को दोपहर 12 बजे एमहर्स स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पेश होने को कहा है. लेकिन सनोज मिश्रा ने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


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फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को नोटिस के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर हमला बोला है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा, 'द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध की नाकाम कोशिश के बाद अब ममता सरकार का प्रशासन एक फिल्म निर्माता को डरा रहा है जो कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं और राज्य के मौजूदा हालात पर आधारित है. फिल्म निर्माता को नोटिस गैर जरूरी है क्योंकि ट्रेलर में कुछ भी तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं है. ममता बनर्जी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना बंद करना चाहिए.'


क्या है ट्रेलर में


इस फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह हैं.पिछले महीने ही लखनऊ में उन्होंने फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया था. फिल्म को देखकर साफ लगता है कि ये फिल्म पूरी तरह ममता सरकार पर फोकस है. फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत में ही सीएए और एनआरसी का जिक्र है. फिल्म में हिंदुओं के साथ अन्याय की भी कहानी दिखाई जा रही है.हिंदुओं को किस तरह पलायन का शिकार होना पड़ रहा है, इसका भी फिल्म में जिक्र है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त महीने में इसे रिलीज करने की तैयारी है. 


द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्देशक सनोज मिश्रा ने पश्चिम बंगाल पुलिस के नोटिस पर कहा,मेरा इरादा बंगाल को बदनाम करना नहीं है. हमने फिल्म में केवल वही तथ्य दिखाए हैं जिन पर अच्छी तरह से शोध किया गया है.



बीजेपी ने बोला हमला


अमित मालवीय ने ट्वीट में कहा, द केरला स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने के असफल प्रयास के बाद (फिल्म अभी भी सिनेमाघरों में नहीं है क्योंकि मालिकों को दंडात्मक कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, ऐसा करने पर), ममता बनर्जी का प्रशासन अब द डायरी ऑफ वेस्ट के निर्देशक और निर्माता को डरा रहा है. यह बंगाल में मौजूदा स्थिति पर सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है. फिल्म निर्माताओं को नोटिस अनावश्यक है क्योंकि ट्रेलर में कुछ भी तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं लगता है. यह बंगाल में बहुतों का जीवंत अनुभव है. ममता बनर्जी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना बंद करना चाहिए. यह समय की बात है कि बंगाल के लोग उसके शासन को धूल में मिला देंगे.