कोच्चि: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यहां एक अदालत को बताया कि अलकायदा की आतंकी साजिश के मुख्य आरोपी मुर्शिद हसन ने दक्षिण और पूर्वी भारत की कई जगहों की यात्रा की थी और वह वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की हिंसक विचारधारा से प्रेरित था.


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भारत में अपनी जड़े जमाने की अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन की साजिश को नाकाम करते हुए एनआईए ने 18-19 सितंबर की दरमियानी रात को केरल के एर्णाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में छापेमारी करते हुए नौ संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था.


मुर्शिद हसन, मोशरफ हुसैन और याकूब बिस्वास को एर्णाकुलम जिले की विभिन्न जगहों से हिरासत में लिया गया था जबकि छह अन्य मुर्शिदाबाद से पकड़ा गया. एनआईए ने यहां विशेष अदालत को बताया कि उसे विश्वसनीय सूत्रों से पता चला था कि कुछ संदिग्ध आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने और अपनी जिहादी विचारधारा को बढ़ाकर युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टर बनाने के लिये रकम जुटाने की बड़ी आपराधिक साजिश में शामिल हैं.


एनआईए ने शनिवार को आरोपियों की ट्रांजिट हिरासत के लिये दिये गए अपने आवेदन में कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के अलावा संगठन के कुछ अज्ञात सदस्य भी आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की इस साजिश में शामिल हैं. एनआईए ने इन आरोपियों को नयी दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट में एनआईए मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश करने के लिये ट्रांजिट हिरासत मांगी थी.


अदालत ने शनिवार शाम पांच बजे से 22 सितंबर सुबह 11 बजे तक के लिये आरोपियों को एनआईए की हिरासत में सौंप दिया जिससे उन्हें सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जा सके. अपने आवेदन में एनआईए ने कहा कि संदेह है कि उनके पास हथियार भी होंगे और वो वे नियमित रूप से हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिये रकम जुटा रहे थे.


एजेंसी ने कहा कि उनकी कुछ आपत्तिजनक बातचीत, तस्वीरें और वीडियो से पता चलता है कि उन्होंने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिये सारिश रची. उसने बताया, ‘समूह का नेतृत्व पहला आरोपी कर रहा था जो बंाग्ला भाषी व्यक्ति है और उसने दक्षिण और पूर्वी भारत में कई जगहों की यात्रा की.’ एजेंसी ने अपने आवेदन में कहा कि वह अलकायदा की हिंसक विचारधारा से प्रेरित है.


(इनपुट- एजेंसी भाषा)