सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज भेजने वाले हो जाएं सावधान, हो सकती है 3 साल की जेल
दिल्ली विधानसभा की शांति व सदभाव समिति को अब तक 7732 शिकायतें मिली हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा की शांति व सदभाव समिति को अब तक 7732 शिकायतें मिली हैं. ये शिकायतें दंगा भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर भड़काऊ व दो धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करने वाले मैसेज भेजने, शेयर और फारवर्ड करने वालों पर कार्रवाई से जुड़ी हैं. समिति ने प्राप्त शिकायतों में से 2110 की स्क्रीनिंग कर ली है, जिसमें 504 मामलों में दो समुदायों के बीच भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट पाए गए हैं. साथ ही, समिति ने दो समुदायों के बीच दुश्मनी व भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट भेजने वाले दो शिकायतकर्ताओं के बयान भी दर्ज किए हैं.
जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है, उन पर अपराध बनता पाया गया है. समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने कहा कि कमेटी शिकायतों की जांच कर दो समुदायों के बीच भावनाएं भड़कानें वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी और उन्हें तीन साल की जेल कराएगी.
शांति एवं सदभाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि इस कमेटी का एकमात्र उद्देश्य दिल्ली में शांति, सदभाव और भाई चारा बनाए रखना है और जो भी शरारती तत्व इस शांति व सदभाव को भंग करने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. इस कमेटी ने कुछ दिन पहले एक वाट्सऐप नंबर और एक ईमेल आईडी जारी की थी और भावनाएं भड़काने और उत्तेजित करने वाले मैसेज फारवर्ड, शेयर करने वालों की जानकारी देने के लिए कहा था.
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कमेटी शिकायतों की जांच-पड़ताल कर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी. कमेटी एफआईआर दर्ज कराकर ऐसे लोगों को तीन साल तक की जेल कराएगी. चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा कि आपका किया गया फायवर्ड, शेयर या भेजा गया एक गलत मैसेज आपको तीन साल की जेल की सजा दे सकता है. कमेटी द्वारा जारी वाट्सएप और ईमेल पर लोगों ने बहुत सारी शिकायतें दी हैं. आज तक इस कमेटी को कुल 7732 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इसमें 232 शिकायतें ईमेल और 7500 शिकायतें वाट्सएप के जरिए आई हैं.
चेयरमैन राघव चड्ढा ने बताया कि कमेटी ने एक और अहम फैसला लिया है कि जितनी भी गंभीर प्रकृति की शिकायतें है, जिसमें आईपीसी की धाराओं के तहत एक मुकदमा बनता है और उचित कार्रवाई बनती हैं, उन सभी मामलों में यह कमेटी शिकायतकर्ता और आरोपी, दोनों को अपने सामने उपस्थिति होने का आदेश जारी करेगी.
कमेटी कुछ वकीलों और आईटी विशेषज्ञ को मदद करने के लिए अपने पास रखेगी. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों की सत्यता की पूरी जांच पड़ताल करने वाले बहुत सारे वेबसाइट व पोर्टलों को साथ जोड़ा जाएगा. जो भी व्यक्ति हमें शिकायत दे रहा है और उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हो रही है, उस व्यक्ति को कमेटी 10 हजार रुपए का पुरस्कार भी देगी.