Microplastic: क्या आपको पता है कि आप रोज सफेद जहर खा रहे है. आप हर रोज इसे सब्जी में डाल रहे हैं. ये जहर हर किचन में है. हम बार-बार कहते है... खाने में नमक कम है. थोड़ा सा नमक और डाल दो. आप भी कहते होंगे. लेकिन आज हम आपको सबूतों के साथ, नमक वाले जहर की सच्चाई बताएंगे. हम आपको डरा नहीं रहे... बल्कि सावधान कर रहा हैं. हमारा मकसद सिर्फ आपको सावधान करना है.


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रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा


विश्व प्रसिद्ध Enviroment जर्नल Toxic Links ने एक रिसर्च की है. ये रिसर्च भारतीय बाजार और ऑनलाइन E कॉमर्स साइट्स पर बिकने वाले सफेद नमक, काला नमक , सेंधा नमक और 5 तरह की चीनी के सैंपल लेकर की गई. इस रिसर्च में पता चला कि...


- भारत में बिकने वाले हर तरह के नमक और चीनी में भारी मात्रा में Microplastic के कण मौजूद हैं.
- रिसर्च के मुताबिक एक किलो के पैकेट में 89 टुकड़े Microplastic के मौजूद हैं.
- इसी तरह बाजार में मौजूद Organic काला नमक, जिसे आप हिमालयन रॉक साल्ट कहते हैं उसके एक किलोग्राम के पैकेट में करीब 7 टुकड़े Microplastic के मौजूद हैं.
- नमक के अलावा Microplastic शक्कर में भी मौजूद है.
- चीनी के एक किलो के पैकेट में Microplastic के 68 कण मैजूद हैं...


Microplastic का होना सेहत पर सीधा हमला


नमक, चीनी, शक्कर का इस्तेमाल हर घर में होता है. और दिन में कई बार होता है. ऐसे में इसमें Microplastic का होना सेहत पर सीधा हमला है. हमारे संवाददाता शिवांक ने इसी पर एक रिपोर्ट फाइल की है. जिसमें आप माइक्रोप्लास्टिक की सच्चाई जान पाएंगे. Enviroment जर्नल Toxic Links ने अपने रिसर्च में बताया है कि भारत में बिक रहे नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक है. माइक्रोप्लास्टिक यानि प्लास्टिक के इतने छोटे टुकड़े जो आंखों के सामने होने के बाद भी नहीं दिखते. बात सेहत और स्वाद दोनों से जुड़ी थी तो आज ZEE MEDIA संवाददाता शिवांक ने भी इसकी सच्चाई आपतक पहुंचाने के लिए एक डेमो किया. जिसमें माइक्रोप्लास्टिक साफ साफ दिखाई दी.


नमक में मौजूद है जानलेवा जहरीली प्लास्टिक


नमक के बिना खाना जैसे जल बिन धरती. लेकिन इस खाने में पड़ने वाले नमक में मौजूद है जानलेवा जहरीली प्लास्टिक. जो बीमारियां बांट रही है. Micro Plastic के साथ सबसे बड़ी दिक्कत की बात ये है कि इसके असर से बचना मुश्किल ही नहीं.. नामुमकिन है. क्योंकि ये एक तरह का अदृश्य खतरा है. Environmental science and technology journal की एक स्टडी से पता चला था कि लोग हर साल 39,000 से 52,000 माइक्रोप्लास्टिक के कणों को निगल जाते हैं.


जरूरत है कड़े सरकारी कदम उठाने की


American Institute Of Physics की स्टडी कहती है कि एक हफ्ते में जितनी Micro Plastic हमारे शरीर में जमा होती है, उससे एक Credit Card बन सकता है. माइक्रोप्लास्टिक का ये खतरा हर जगह मौजूद है. खाने में भी, पानी में भी और हवा में भी. नमक और चीनी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक धीरे धीरे इंसान को खोखला कर रही है. जो हार्ट अटैक से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकती है. ना चाहते हुए भी हम इस जहर को हर रोज़ अंदर ले रहे हैं. कभी नमक के रूप में तो तभी चीनी के रूप में. जरूरत है कड़े सरकारी कदम उठाने की. जिससे इस अदृश्य आतंक से लोगों को मुक्ति मिल सके.