नई दिल्ली: समय से कीमती कुछ नहीं. आप पैसे तो थोड़े ज्यादा कम सकते हैं, लेकिन अगर ये सोचे कि अपने लिए थोड़ा और समय बचा लें, तो बड़ा मुश्किल है. ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे सफल चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) अपना वक्त कैसे बिताते हैं.


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हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) के डीन नितिन नोहरिया और प्रोफेसर माइकल पोर्टर ने 27 अरब डॉलर वाली कंपनियों के सीईओ की गतिविधियों पर 13 सप्ताह तक नजर रखा और उनके टाइम मैनेजमेंट के बारे में जानने की कोशिश की. इस रिसर्च के परिणाम को हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में प्रकाशित किया गया है. उन्होंने पाया कि औसतन सीईओ वीकडेज में 9.7 घंटे काम करते हैं, वीकएंड में 3.9 घंटे और छुट्टी के दिन 2.4 घंटे काम करते हैं. सीईओ का 47 प्रतिशत काम कंपनी हेडक्वाटर में होता है, जबकि बाकी काम कंपनी की दूसरी लोकेशन में, यात्रा के दौरान और घर में किया जाता है.


नितिन नोहरिया ने बताया, 'सीईओ कंपनी के सभी कामों के लिए जवाबदेह होते हैं. इसलिए उनका सबसे ज्यादा समय अंतहीन मीटिंगों और ईमेल पढ़ने में बीतता है. हाल में एक वर्कशॉप में नवनियुक्त सीईओ ने उनसे कहा कि वो काम के बोझ से परेशान हैं. उन्होंने कहा, 'हमने बड़े पदों पर काम किया है, लेकिन सीईओ से समय देने की उम्मीद सौ गुना बढ़ जाती है. हर कोई हमसे थोड़ा समय चाहता है.'


एजेंडा
औसतन सीईओ अपने काम का 43 प्रतिशत वक्त अपना एजेंडा तैयार करने में खर्च करते हैं, जबकि 36 प्रतिशत वक्त दूसरों के काम पर रिएक्शन देने में जाता है. सर्वे में ये भी पाया गया कि सीईओ अपना 28 प्रतिशत काम करने के दौरान अकेले होते हैं. अकेले काम करने के दौरान सीईओ सबसे अधिक समय नीतिगत और रणनीतिक काम को देते हैं. उनके जीवन में समय की इतनी कमी होती है कि बड़ी संख्या में सीईओ कहते हैं कि 'लंबी फ्लाइट्स उनकी बेस्ट फ्रैंड हैं.' ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान कोई उन्हें टोकने वाला नहीं होता.


मीटिंग
सीईओ हर सप्ताह औसतन 37 मीटिंग एटेंड करते हैं और इसमें उनके काम का कुल 73 प्रतिशत समय खर्च होता है. सीईओ को नियमित रूप से कंपनी के काम की समीक्षा करनी होती है और इसलिए मीटिंग में समय लगना वाजिब है. ये मीटिंग्स आमतौर पर एक घंटे की होती हैं, लेकिन कई बार इसे घटाकर आधे घंटे या 15 मिनट का भी कर दिया जाता है. 


ईमेल
ईमेल पढ़ने या लिखने में सीईओ का 24 प्रतिशत वक्त चला जाता है. सीईओ को ईमेल भेजते समय बहुत सावधान रहना पड़ता है क्योंकि इसके चलते नीचे के पदानुक्रम में अनावश्यक गतिविधियों का सिलसिला शुरू हो सकता है. इसलिए ईमेल पर नियंत्रण बहुत जरूरी है. नहीं तो कंपनी के अधिकारियों का अधिकांश समय गैर-उत्पादक गतिविधियों में जाने लगता है. 


रूटीन
सीईओ अपना 11 प्रतिशत समय रूटीन गतिविधियों में खर्च करते हैं, जैसे बोर्ड मीटिंग में जाना, इन्वेस्टर्स समिट या फिर कर्मचारियों की रिटायरमेंट पार्टी में शामिल होना. ये वो जगह है जहां सीईओ सबसे अधिक वक्त बचा सकते हैं. लेकिन ऐसा करना बहुत मुश्किल होता है. यदि किसी तरह वो कुछ समय बचा भी लें तो कंपनी के दूसरे कई काम उनका इंतजार कर रहे होते हैं.