नई दिल्ली. भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. हमारे देश में करीब 8000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. इन सभी स्टेशनों के नाम और कोड हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है जिसका कोई नाम ही नहीं है. इस बात पर एक बार में यकीन करना मुश्किल है. लेकिन ये बिल्कुल सच है. ये स्टेशन पश्चिम बंगाल में है. आइए इसके बारे में आपको बताते हैं.


नाम को लेकर दोनों गांव में हुआ विवाद


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ये रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के बर्धमान से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये रेलवे स्टेशन दो गांवों रैना और रैनागढ़ के बीच बना हुआ है. बताया जाता है कि बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर स्थित यह स्टेशन पहले रैनागढ़ के नाम से जाना जाता था. लेकिन  रैना गांव के लोगों को ये बात पसंद नहीं आई और दोनों गांवों के बीच स्टेशन के नाम को लेकर झगड़ा शुरू हो गया. इस स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण रैना गांव की जमीन पर किया गया था इसलिए गांव के लोगों का मानना था कि इसका नाम रैना होना चाहिए.


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रेलवे बोर्ड तक पहुंचा झगड़ा


स्टेशन के नाम को लेकर झगड़ा रेलवे बोर्ड तक पहुंच चुका है. झगड़े के बाद भारतीय रेलवे ने यहां लगे सभी साइन बोर्ड्स से स्टेशन का नाम मिटा दिया, जिस कारण बाहर से आने वाले यात्रियों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नाम न होने के कारण यात्रियों को दूसरे लोगों से इसके बारे में पूछना पड़ता है. हालांकि रेलवे अभी भी स्टेशन के लिए टिकट इसके पुराने नाम रैनागढ़ से ही जारी करती है.


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ये स्टेशन 2008 में बना था. तभी से ये विवादों में आ गया था. स्टेशन के नाम को लेकर जारी विवाद कब खत्म होगा यह दोनों गांवों के लोग ही बता सकते हैं.


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