Danish Ali: उत्तर प्रदेश की राजनीति लोकसभा चुनाव से पहले कितना चौंकायेगी, इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं. शनिवार शाम एक घंटे के भीतर दो बड़े फैसले होते हैं. नीतीश कुमार पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में रैली का ऐलान करते हैं. दूसरी और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती राज्य सभा एमपी दानिश अली को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाती हैं. अब दोनों फैसलों में तात्कालिक कनेक्शन हो न हो थोड़ा पीछे जाएंगे तो संकेत जरूर मिलेंगे.


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नीतीश के साथ तस्वीर ने कर दिया खेला


बसपा से दानिश अली की विदाई को समझाने के लिए हम आपको कुछ माह पीछे ले चलेंगे. बात अगस्त की है जब दानिश अली ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. उन्होंने 22 अगस्त को नीतीश कुमार को पटना में फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था. उन दिनों नीतीश से दानिश की मुलाकात की तस्वीर खूब वायरल हुई थी. तब सियासी बाजार में नई सियासी डील की खबरों ने जोर पकड़ लिया था. चर्चा जोरों पर थी कि दानिश अली, सीएम नीतीश के जरिये I.N.D.I.A. का हिस्सा बनना चाहते हैं.


I.N.D.I.A. में एंट्री की राह तलाश रहे..


तब यह भी कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दानिश अली का बसपा से भरोसा रहा डिग रहा है. और सियासी करियर जारी रखने के लिए दानिश अली बसपा का साथ कभी भी छोड़ सकते हैं. दानिश अली जान गए थे कि अगर नीतीश चाहे तो I.N.D.I.A. में एंट्री की राह आसान हो जाएगी. दानिश अली के बारे में कहा जाता है कि वे सियासी गणित के फॉर्मूले बखूबी जानते हैं. लेकिन बसपा में उनका आकलन कहीं से फिट नहीं बैठ रहा था. यही कारण था कि वे नीतीश से मिले और मायावती की नजरों में खटकने लगे.


बसपा ने लिया एक्शन


ऐसे में कहा जा सकता है कि नीतीश से मुलाकात के बाद से ही दानिश अली का बसपा से एग्जिट प्लान तैयार होने लगा था. दानिश अली बसपा को छोड़ते, उससे पहले बसपा ने ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. बसपा ने आधिकारिक नोटिस कहा कि उसने अपने सांसद दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया है. 



दानिश के खिलाफ नोटिस में क्या?


दानिश अली को संबोधित नोटिस में कहा गया है, 'आपको पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि आप पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल न हों... आपको देवेगौड़ा के आग्रह पर पार्टी से टिकट दिया गया था, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि आप हमेशा पार्टी लाइन का पालन करेंगे. हालांकि, ऐसा लगता है कि आप पार्टी में शामिल होते समय किए गए वादों को भूल गए हैं इसलिए, आपको निलंबित किया जा रहा है.' नोटिस में सांसद के निलंबन का कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है.