आसमानी आफत का कहर: बिजली गिरने से UP में 37 लोगों की मौत, राजस्थान में 18 ने गंवाई जान
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में रविवार को हुई बारिश के दौरान गिरी आकाशीय बिजली (Thunder-Lightning in UP and Rajasthan) कई परिवारों के लिए मातम बन गई और 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 50 लोग घायल हो गए.
लखनऊ/जयपुर: उत्तर भारत में मॉनसून ने दस्तक दे दी है और कई राज्यों में जोरदार बारिश हो रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आकाशीय बिजली (Thunder-Lightning in UP and Rajasthan) की चपेट में आने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में अभी भी मॉनसून (Delhi Monsoon) का इंतजार है.
उत्तर प्रदेश में 37 लोगों की मौत, दो दर्जन लोग झुलसे
बारिश के दौरान गिरी आकाशीय बिजली से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए. प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से 2 मासूम बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ मवेशी भी इसकी चपेट में आकर मारे गए. वहीं कानपुर देहात में 2 महिलाओं सहित 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से झुलस गए. इसके अलावा फिरोजाबाद में 3 और कौशांबी में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि मिर्जापुर में एक बच्चे की झुलसने से मौत हो गई.
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये आर्थिक मदद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आकाशीय बिजली की चपेट में आकर हुई मौतों का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन को घायलों को समुचित इलाज का आदेश दिया है.
राजस्थान में 7 बच्चों सहित 18 लोगों की मौत
राजस्थान के जयपुर, झालावाड़ और धौलपुर जिलों में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई. राज्य के अलग-अलग गांवों में हुई घटनाओं में छह बच्चों सहित 21 लोग घायल भी हुए हैं.जयपुर में आमेर किले के पास आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए. झालावाड़ जिले के गरडा गांव में बिजली गिरने से एक पेड़ के नीचे अपने पशुओं के साथ खड़े 4 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए. घटना में एक गाय और करीब 10 बकरियों की भी मौत हो गई.
जनहानि बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण: अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि पर दुख व्यकत करते हुए कहा कि कोटा, धौलपुर, झालावाड़, जयपुर और बारां में बिजली गिरने से हुई जनहानि बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रभावितों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, ईश्वर उन्हें सम्बल प्रदान करें. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित परिवारों को शीघ्र सहायता उपलब्ध करवाएं. राज्यपाल कलराज मिश्र ने दुख व्यक्त करते हुए लोगों से जान-माल की सुरक्षा के लिए सावधानी और सतर्कता बरतने की अपील भी की है.
दिल्ली में अभी भी मॉनसून का इंतजार जारी
देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में मॉनसून का इंतजार जारी है. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून को दिल्ली सहित उत्तर भारत में 10 जुलाई तक दस्तक देना था, लेकिन रविवार शाम तक ऐसा नहीं हुआ. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि दिल्ली के ऊपर मॉनसून के सक्रिय होने की अनुकूल परिस्थितियां हैं, क्योंकि पूर्वी हवाओं की वजह से हवा में आर्द्रता बढ़ गई है और सोमवार को अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं.
मध्य दिल्ली बना देश का सबसे कम बारिश वाला जिला
मानसून के इंतजार के बीच मध्य दिल्ली देश का ऐसा जिला है, जहां सबसे कम बारिश हुई है. मध्य दिल्ली में एक जून से लेकर अब तक केवल 8.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य 125.1 मिमी से 93 प्रतिशत कम है. दिल्ली में अब तक मॉनसून के दौरान होने वाली सामान्य बारिश से 64 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इस बार दिल्ली में मॉनसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग की ओर से की गई भविष्यवाणी गलत साबित हुई है. हालांकि आईएमडी के ताजा वक्तव्य के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.
केरल के लिए मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
केरल में दक्षिण पश्चिम मॉनसून (Monsoon in Kerala) के सक्रिय होने से रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई. मौसम विभाग ने पांच उत्तरी जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है. आईएमडी ने केरल और गुजरात के मछुआरों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी करते हुए उन्हें अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
उत्तराखंड में भूस्खलन से तीन लोगों की मौत
उत्तराखंड में हो रही बारिश मुसीबत का सबब बनी हुई है और भूस्खलन के चलते एक गांव में मकान ढह जाने से आठ वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कुमाऊं में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 रविवार की सुबह तीन जगहों पर बंद हो गया.
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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