चंडीगढ: चंडीगढ पहुंचे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा दूसरे देशों से अच्छे संबंध संवाद के जरिए ही बनाए जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे देशों के साथ बातचीत के ज़रिए अच्छे संबंध बनाने में अदभूत काम कर रहें हैं. उन्होने कहा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमोशनल है यू एन प्लेटफार्म पर जाकर भी मतभेद की की बात करते हैं. वहीं भारत के प्रधानमंत्री शांति का संदेश देते नज़र आते हैं. धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि पाकिस्तान, चाइना के टॉप लीडर्स से मदद की गुहार लगाता है जबकि पाकिस्तान को भारत की ज्यादा ज़रूरत है.


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दलाई लामा ने कहा कि वास्तविकता को दिखते हुए अवास्तविकता का भाव रखना चाहिए. उन्होने अमेरिका के राष्ट्रपति को भी भावुक बताया और सीरिया के हालातों पर दुख ज़ाहिर किया.दलाई लामा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात की सराहना की.


उन्होने भारत चीन के रिश्ते के बारे में बोलते हुए कहा कि दोनों सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाले देश है दोनों देशों को एक दूसरे की ज़रूरत है. दोनों देशों की सभ्यताएं बहुत पुरानी हैं और आर्थिक तौर पर दोनों बड़ी शक्तियां हैं. दलाई लामा ने कहा भारत और चीन के बीच अच्छे रिश्ते बेहद आवश्यक हैं. उन्होंने कहा मैं चाहूंगा कि चाइना से ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स भारत आए ताकि वो सीख सके कि आखिर डेमोक्रेसी और आजादी होती क्या है.



दलाई लामा ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के साथ संवाद किया. उन्होने स्टूडेंटस को 'Secular Ethics in Modern Education in the context of Guru Nanak Dev JI' के बारे में संबोधित किया. उन्होनें स्टूडेंटस को गुरु नानक देव जी की प्रीचिंग पर चलने का संदेश दिया. इस दौरान धर्मगुरू दलाई लामा ने भारत के बारें में बोलते हुए कहा कि यहां धर्मनिरपेक्षता है जातिवाद धीरे धीरे खत्म हो रहा है.


इस दौरान उन्होने कहा कि युवा बदलाव ला सकते है. सबको कास्ट सिस्टम से ऊपर उठकर काम करना चाहिए. दलाई लामा ने कहा कई नेता तनाव फैलाने की कोशिश करते है लेकिन लोगों को धार्मिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए. दलाई लामा ने कहा वह कभी अयोध्या नहीं गए हैं इसलिए राम मंदिर के मुद्दे के बारे में उनको जानकारी नहीं है.