Tirupati Stampede: 5 मिनट के लिए लगा हम अब नहीं बचेंगे.. बाल-बाल बचे पीड़ित ने बयां किया तिरुपति भगदड़ का खौफनाक मंजर
Tirupati Stampede News: तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में बुधवार को हुई भगदड़ ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. वैकुंठ द्वार दर्शनम के दौरान अचानक मची अफरातफरी में कई श्रद्धालुओं ने अपनों को खो दिया, तो कई खुद मौत के मुंह से बच निकले.
Tirupati Stampede News: तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में बुधवार को हुई भगदड़ ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. वैकुंठ द्वार दर्शनम के दौरान अचानक मची अफरातफरी में कई श्रद्धालुओं ने अपनों को खो दिया, तो कई खुद मौत के मुंह से बच निकले. इस हादसे में कम से कम 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए.
लगा अब जिंदा नहीं बचेंगे..
घटना में जीवित बची डी. वेंकट लक्ष्मी ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि पांच मिनट तक ऐसा लगा कि अब हम जिंदा नहीं बचेंगे. मैं पिछले 25 वर्षों से मंदिर आ रही हूं, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा." उन्होंने बताया कि छह लड़कों ने उन्हें एक तरफ खींचकर पानी दिया. उनके अनुसार, भगदड़ के दौरान लोग बेकाबू हो गए थे और श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजर रहे थे.
घंटों इंतजार और फिर भगदड़
एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह सुबह 11 बजे मंदिर पहुंची थीं, लेकिन टिकट के लिए दरवाजा शाम 7 बजे खोला गया. जैसे ही गेट खुला, भीड़ बेकाबू हो गई. पुलिस की कमी और व्यवस्था की खामियों ने स्थिति को और खराब कर दिया. एक श्रद्धालु ने दावा किया कि पुलिस को 5,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने अचानक गेट खोल दिया, जिससे भगदड़ मच गई.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया और तत्काल जांच की मांग की. उन्होंने मृतकों के परिवारों को सहायता देने और घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने की बात कही.
टीटीडी चेयरमैन के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस के उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने टीटीडी के चेयरमैन बी. आर. नायडू के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने मृतकों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा और प्रभावित परिवार के एक सदस्य को टीटीडी में नौकरी देने की भी मांग की.
सरकार और प्रशासन पर सवाल
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी इस घटना के लिए सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. माकपा नेता ने कहा कि वैकुंठ एकादशी कोई नई परंपरा नहीं है, फिर भी इस बार प्रशासन ने कोई ठोस तैयारी नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि यह हादसा सरकार की लापरवाही और टीटीडी की विफलता का परिणाम है.
श्रद्धालुओं के लिए असुरक्षित व्यवस्था
वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे थे. 10 जनवरी से शुरू हुए 10 दिवसीय उत्सव के दौरान टिकट पाने के लिए भगदड़ मच गई. कई श्रद्धालु घंटों लाइन में खड़े रहे, लेकिन उचित प्रबंधन की कमी ने इस घटना को भयावह बना दिया.
शोक और संवेदनाएं
वाईएसआरसीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का निर्देश दिया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)