अर्श से फर्श पर टमाटर.. यहां 2 रुपए किलो हो गया, फेंक रहे किसान बोले-खर्चा भी नहीं निकला
Tomato Price: किसानों ने जो कारण बताया है वह काफी चौंकाने वाला है और काफी दुर्भाग्यपूर्ण भी है. आइए जानते हैं कि आखिर एक महीने पहले 200 रुपए किलो में बिक रहा टमाटर अचानक दो रुपए किलो कैसे पहुंच गया है.
Throwing Tomatoes: अभी कुछ ही समय पहले टमाटर की कीमतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ था. फिर धीरे-धीरे कीमतों में गिरावट देखने को मिली और अब हालत ये हो गई है कि टमाटर दो रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है. इतना ही नहीं किसानों ने इसे फेंकना शुरू कर दिया है. हुआ यह है कि मौसम की मार किसानों के लिए टमाटर की खेती नुकसान का सौदा साबित कर रही है. किसानों का कहना है कि मौसम का असर वैसे तो सभी सब्जियों पर देखने को मिल रहा है. लेकिन बारिश की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित टमाटर हुआ है. यही कारण है कि मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में किसान टमाटर को फेंक रहे हैं.
'टमाटर के भाव नहीं मिल रहे'
दरअसल, जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के बुरहान पुर में टमाटर दो रुपए किलो पहुंच गया है और किसानों ने कहा कि इस वर्ष टमाटर की आवक ज्यादा होने के कारण उनके पास रखने के लिए स्टोरेज नहीं है और अब टमाटर के भाव नहीं मिल रहे हैं, साथ ही बारिश ने भी काफी बर्बादी की है. ज्यादा बारिश की वजह से बाहर माल जा नहीं रहा है, ऐसे में हमें उन्हें फेंकना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से बुरहानपुर समेत आसपास के जिलों में भारी बारिश का सिलसिला देखने मिला था, जहां भारी बारिश के चलते किसान अपने टमाटर लेकर मंडी तक नहीं पहुंच सके थे.
क्यों हुई टमाटर की हालत खराब?
कमोबेश यही हाल उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में देखने को मिला जहां टमाटर की हालत खराब होने लगी है. यहां टमाटर के भाव ही नहीं बढ़ पा रहे हैं. टमाटर की कीमत 2 रुपए प्रति किलो हो गई है. स्थानीय किसानों का कहना है कि बारिश और बाढ़ ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है. कुछ जगहों पर बारिश का सिलसिला थमते ही किसान बड़ी संख्या में टमाटर मंडी लेकर पहुंचे, लेकिन टमाटर की आवक ज्यादा हो जाने के चलते टमाटर के भाव गिर गए.
बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई
फिलहाल कई जगहों पर हालात यह हो गए की एक समय 200 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर अब 2 रुपए किलो तक बिक रहा है. यह ऐसी जगहों पर हुआ है जहां भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई है. वहीं दूसरी तरफ आसमान छू रहे अन्य सब्जियों के दाम भी अब बंपर आवक से सामान्य हो रहे हैं. इससे गरीब और मध्यमवर्गीय तबके को राहत मिली है लेकिन किसान परेशान हैं.