अगरतला: असम राइफल्स मैदान में बिप्लब देब आज (9 मार्च) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. इसी के साथ पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी की पहली सरकार का आगाज होगा. 48 वर्षीय देब ने छह मार्च को राज्यपाल तथागत राय से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके बाद राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया. बीजेपी- इंडीजीनियस पीपल्स पार्टी ऑफ त्रिपुरा( आईपीएफटी) गठबंधन ने पिछले हफ्ते आए चुनाव परिणामों में जीत दर्ज की और 25 बरस के सीपीएम नीत वाम शासन को उखाड़ फेंका.


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बीजेपी ने 35 सीटें जीतीं, जबकि आईपीएफटी के आठ सदस्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए. राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छह मार्च को ऐलान किया था कि जिशनू देब बर्मा राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे. देबबर्मा की सीट पर चुनाव स्थगित हो गया था. वह चारिलम (अनुसूचित जनजाति) सीट से चुनाव लड़ रहे थे और इस सीट पर सीपीएम प्रत्याशी की मौत की वजह से चुनाव नहीं हुआ. इस सीट पर अब 12 मार्च को चुनाव होगा. बीजेपी के प्रवक्ता मृणाल कांती देब ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्वोत्तर क्षेत्र में बीजेपी शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे. 


उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्यों को शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया है. लंबे समय से आरएसएस के स्वयंसेवक देब राज्य में बीजेपी की जीत के सूत्रधार बने. आईपीएफटी के अध्यक्ष एनसी देबबर्मा ने बताया कि पार्टी को नए मंत्रिमंडल में दो सीटें मिलेंगी. इस बाबत फैसला बीजेपी नेता और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन(एनईडीए) के प्रमुख हेमंत बिस्वा शर्मा के साथ बैठक में लिया गया. 


वाममोर्चा नहीं करेगा शिरकत
उधर, निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार और उनकी कैबिनेट के पूर्व मंत्री आज यानी शुक्रवार को बीजेपी- आईपीएफटी गठबंधन केनेतृत्व में बनने जा रही नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. वाम मोर्चे के संयोजक बिजन धर ने आज यह जानकारी दी. हालांकि, धर ने कहा कि विपक्षी वाम पार्टियों के नेता राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के विरोध में कार्यकम में शामिल नहीं होंगे. धर ने बताया, "निवर्तमान मुख्यमंत्री और उनके मंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. वाम पार्टियों को भी इसमें शामिल होने का न्यौता दिया गया था, लेकिन चुनाव बाद हुई हिंसा के विरोध में वह इसमें शामिल नहीं होंगे.’’