Toolkit Case: शांतनु मुलुक को राहत, गिरफ्तारी पर 9 मार्च तक रोक
टूलकिट केस (Toolkit Case) में आरोपी शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) को 9 मार्च तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए और समय मांगा है.
नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) से संबंधित 'टूलकिट' (Toolkit) सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर करने के आरोपी शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) को 9 मार्च तक के लिए गिरफ्तारी से राहत प्रदान की है. टूलकिट केस में (Toolkit Case) मुलुक, दिशा रवि और निकिता जैकब के खिलाफ राजद्रोह और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है.
9 मार्च तक पुलिस कार्रवाई नहीं
किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में दिल्ली में हिंसा फैलाने के के लिए शेयर की गई टूलकिट (Toolkit) के आरोपी शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान आज (गुरुवार) दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा. दिल्ली पुलिस ने कहा, उसे मुलुक की अंतरिम जमानत याचिका पर विस्तार से जवाब दाखिल करने के लिए पूछताछ के वास्ते और वक्त चाहिए. इस पर अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च तक के लिए टाल दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि तब तक वह शांतनु के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करे यानी शांतनु को गिरफ्तारी से 9 मार्च तक के लिए राहत मिल गई है.
कड़ियां जोड़ने में जुटी पुलिस
बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा की एक-एक कड़ियां जोड़ने में जुटी है. अब तक की जांच में सामने आया है कि इस हिंसा के लिए बड़े स्तर पर साजिश रची गई थी. जिसके तार देश से लेकर विदेशों में बैठे खालिस्तानियों तक जुड़े हैं. बीती 22 फरवरी को टूलकिट बनाने के आरोपी शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) और निकिता जैकब (Nikita Jacob) को आमने-सामने बिठाकर दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की थी.
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किसानों को उकसाने के लिए बनी टूलकिट
पुलिस के मुताबिक किसानों को उकसाने के लिए साजिशकर्ताओं ने टूलकिट तैयार की थी. जिसमें सरकार का विरोध करने के लिए स्टेप बाई स्टेप कार्यक्रम बताया गया था. पुलिस का आरोप है कि इस टूलकिट को विदेश में बैठे खालिस्तानियों के कहने पर निकिता जैकब (Nikita Jacob) और शांतनु मुलुक (Shantanu Muluk) ने तैयार किया था. बाद में दिशा रवि ने इस संबंध में ट्वीट करने के लिए स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से भी संपर्क साधा.
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