Toolkit Case में दिशा रवि को जमानत, जानें कोर्ट के फैसले की 4 बड़ी बातें
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Toolkit Case में दिशा रवि को जमानत, जानें कोर्ट के फैसले की 4 बड़ी बातें

Toolkit Case: इस मामले में दिल्ली पुलिस की दलील थी कि दिशा रवि (Disha Ravi) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर टूलकिट बनाई थी, जिसके बाद दुनियाभर में इसे शेयर किया गया. इसी के मुताबिक, 26 जनवरी को प्रदर्शन हुए और हिंसा भड़की.

Toolkit Case में दिशा रवि को जमानत, जानें कोर्ट के फैसले की 4 बड़ी बातें

नई दिल्‍ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर बनाई गई टूलकिट के मामले में (Toolkit Case) आरोपी दिशा रवि (Disha Ravi) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है.  दिशा रवि को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है और इसके साथ कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसके तहत दिशा रवि की पुलिस हिरासत को चार दिन और बढ़ाने की मांग की गई थी.

इस मामले में कोर्ट के फैसले की चार बड़ी बातें क्या हैं, ये जान लीजिए- 

पहली बात कोर्ट ने कहा कि वाट्सऐप ग्रुप बनाना अपराध नहीं है. हालांकि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिशा रवि ने International Farmers Strike नाम से एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया था और इसी के जरिए टूलकिट शेयर की गई थी. पुलिस का ये कहना भी था कि खालिस्तान से जुड़े लोग इस ग्रुप का हिस्सा थे, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया. 

दूसरी बात कोर्ट ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर बनाई गई टूलकिट, जिसे ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर शेयर किया था, उसे बनाना भी कोई अपराध नहीं है. दिल्ली पुलिस की दलील थी कि दिशा रवि ने ये टूलकिट बनाई थी, जिसके बाद दुनियाभर में इसे शेयर किया गया और इसी के मुताबिक, 26 जनवरी को प्रदर्शन हुए और हिंसा भड़की.

तीसरी बात अदालत ने ये भी कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस ने खुद किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी इसलिए इस परेड का हिस्सा बनना या इसका समर्थन करना भी गैर कानूनी नहीं है.

चौथी और आखिरी बात ये कि कोर्ट ने मौजूदा सबूतों के आधार पर ये भी कहा कि दिशा रवि के Poetic Justice Foundation से रिश्ते आपत्तिजनक नहीं हैं इसलिए वाट्सऐप चैट डिलीट करना भी कोई जुर्म नहीं है. Poetic Justice Foundation कनाडा का एक एनजीओ है और दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को भड़की हिंसा के पीछे ये संगठन हो सकता है और इसके तार खालिस्तान से जुड़े हुए हैं.

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