Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट की दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आदित्य ठाकरे ने एक बार फिर शिवसेना के बागी विधायकों पर निशाना साधा है.


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बागी नेताओं को आदित्य ठाकरे की चेतावनी


उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को शिवसेना के बागी नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उनमें हिम्मत है तो आमने-सामने आकर बात करें. मौजूदा सरकार के साथ क्या गलत है उन्हें सामने आकर कहना चाहिए. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार और पार्टी को वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के गुट और शिवसेना के 55 में से लगभग 40 विधायकों के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है.



'धोखेबाज कभी नहीं जीतते'


आदित्य ठाकरे ने शिंदे खेमे को विद्रोही नहीं बल्कि अलगाववादी कहा. उन्होंने बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो विश्वासघात करते हैं... वे कभी नहीं जीतते. हमें खुदपर विश्वास है और लोगों से बहुत प्यार मिल रहा है. उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब ये राजनीतिक घमासान सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को होगी.


आदित्य ठाकरे ने बागियों पर साधा निशाना


असम के गुवाहाटी में एक होटल में ठहरे शिंदे कैंप में मंत्री उदय सामंत के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह उनका निर्णय है, लेकिन वह किसी दिन हमारे सामने आएंगे. उन्हें एक ना एक दिन हमसे नजरें मिलानी ही होंगी.


बागियों को बताया भगोड़ा


आदित्य ठाकरे ने मुंबई के वर्ली विधानसभा क्षेत्र में संवाददाताओं से कहा कि जो लोग यहां से भाग गए और खुद को बागी बता रहे हैं, अगर वे बगावत करना चाहते हैं तो उन्हें यहां करना चाहिए था. उन्हें इस्तीफा देकर चुनाव लड़ना चाहिए था. उन्हें महाराष्ट्र छोड़कर गुवाहाटी नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ठाकरे ने कहा कि फ्लोर टेस्ट तब होगा जब वे (विद्रोही) मेरे सामने बैठेंगे, मेरी आंखों में देखेंगे और कहेंगे कि हमने क्या गलत किया.


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