महाराष्ट्र में बाबू को सीधे बनाया कमिश्नर, दागियों को भी दे दिया प्रमोशन
महाराष्ट्र के भिवंडी में एक ऐसा ट्रांसफर घोटाला पकड़ में आया है जिसके बारे में सुनकर आप चौक जाएंगे.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के भिवंडी में एक ऐसा ट्रांसफर घोटाला पकड़ में आया है जिसके बारे में सुनकर आप चौक जाएंगे. यहां एक क्लर्क को सीधे सहायक आयुक्त पद पर तैनात कर दिया गया. मामला तब पकड़ में आया जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ट्रांसफर घोटाले की जांच की. उसने कई गलत ट्रांसफर पकड़े हैं. इस मामले में क्लर्क से सहायक आयुक्त बने राजू वरलीकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. भिवंडी में सहायक आयुक्त को शहर विकास प्रमुख कहा जाता है.
36 लोगों में दागियों को मिला प्रमोशन
भिवंडी महानगर पालिका ने कुल 36 लोगों के ट्रांसफर किए हैं. चर्चा है कि हरेक ट्रांसफर में खेल हुआ. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सूची का सबसे चर्चित ट्रांसफर राजू वरलीकर का रहा. उसे गिरफ्तार कर लिया गया. एक और कर्मचारी के ट्रांसफर पर भी उंगली उठी है, वह 10वीं पास और 3 बार सस्पेंड हो चुके सुभाष झलके हैं. झलके को भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड किया जा चुका है. इनके केबिन से दो करोड़ 18 लाख रुपए बरामद हुए थे. इस धन को सरकारी कामकाज में लगाया जाना था. ये ट्रांसफर पालिका आयुक्त मनोहर हिरे के आदेश पर किए गए हैं. इस ट्रांसफर में सभी लोगों का प्रमोशन नहीं हुआ, लेकिन जिनका हुआ है वे दागी रहे हैं. उनके खिलाफ जांच चल रही है.
कांट्रेक्ट खत्म होने के बाद भी डटे हैं पद पर
यही नहीं कांट्रेक्ट पर भर्ती हुए अजय पाटील की भी निकल पड़ी है. उन्हें नगर विकास विभाग पद से हटा दिया गया है. अब उन्हें लेखा व वित्त विभाग पद दिया गया है. वह इसके प्रभारी कार्यालय अधीक्षक बनाए गए हैं. यह भर्ती घोटाले में आरोपी हैं. एक अन्य कर्मचारी नितिन पाटील को भी कांट्रेक्ट पर रखा गया था लेकिन वह सीधे सीनीयर क्लर्क बना दिए गए. उन्हें विकास अधिकारी बनाया गया है. उनका कांट्रेक्ट कबका खत्म हो चुका है लेकिन आला अफसरों की मेहरबानी से वह विभाग में बने हुए हैं.