Tribal woman dies during delivery: महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक अस्पताल में प्रसव के दौरान 31 साल की आदिवासी महिला की दुखद मौत हो गई, शुक्रवार को एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. मंगलवार रात को हुई इस घटना ने दूरदराज के आदिवासी इलाकों में गर्भवती माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर चिंता बढ़ा दी है. सभी को इस बात का अंदेशा है कि आखिर उनके प्रसव के दौरान क्या होगा. इस घटना से पहले भी डिलीवरी में महिलाओं की मौत हो चुकी है.


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डिलीवरी पेन के बाद कराया गया अस्पताल में भर्ती
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विक्रमगढ़ तालुका के गलतारे गांव की कुंटा वैभव पडवले के रूप में पहचानी गई महिला को प्रसव पीड़ा के बाद शुरू में एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जटिलताओं को देखते हुए, उसे बाद में जौहर में सरकारी पतंगशाह कॉटेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जो इस क्षेत्र के लिए एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र के रूप में कार्य करता है.


डिलीवरी के दौरान आया हार्ट अटैक
सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, कुंटा पडवले की प्रसव के दौरान दुखद मौत हो गई. पीटीआई के अनुसार, जौहर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक भरत महाले ने कहा कि महिला शुरू में अच्छी सेहत में दिख रही थी, लेकिन प्रसव के दौरान उसे घातक दिल का दौरा पड़ा. दुर्भाग्य से, मेडिकल टीम के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, वे मां और बच्चे दोनों को बचाने में असमर्थ रहे. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.


इससे पहले भी हो चुकी है मौत की घटनाएं
इसके पहले भी पालघर में मोखाडा तालुका स्थित कोलाडयाचा पाडा में रहने वाली 22 वर्षीय महिला की प्रसव के बाद समय पर उपचार न मिलने से मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप था कि समय पर उपचार न मिलने की वजह से महिला की मौत हुई है और पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं.  26 नवंबर को भी डहाणू तालुका के सारणी गांव की रहने वाली 26 वर्षीय पिंकी डोंगरकर को भी समय पर ऐम्बुलेंस नहीं मिली थी, जिससे उसकी और बच्चे की मौत हो गई थी.


सांसद ने जताया दुख
पालघर के सांसद हेमंत सावरा ने इस मौत पर दुख जताया था. उन्होंने कहा था कि जव्हार के लिए 200 बिस्तरों वाले अस्पताल को मंजूरी मिल गई है. जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेंटर की इमारत और पालघर सिविल अस्पताल की इमारतें लगभग तैयार हैं. जल्द ही ये जनता के लिए खुल जाएंगी. हमारे पास एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने की भी योजना है.