अगरतला: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि त्रिपुरा में अगामी 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में गैर वामपंथी मतों को विभाजित कर कांग्रेस, सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मदद कर रही है. शाह ने कहा, "त्रिपुरा में गैर वाम मतों को विभाजित कर कांग्रेस एक तरह से सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मदद कर रही है. हालांकि यह भाजपा को अगले सप्ताह के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता में आने से नहीं रोक सकेगा." शाह के अब तक की रणनीति से पता चलता है कि त्रिपुरा में 'लाल दुर्ग' ढहाने के लिए बीजेपी ने अपने चुनावी इतिहास में बिल्कुल नए प्रयोग कर रही है. पिछले एक साल से बीजेपी ने यहां अपना संगठन मजबूत करती रही है ताकि लेफ्ट के कैडर का मुकाबला किया जा सके. 50 हजार से ज्यादा बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता, पदाधिकारी और ट्रेनर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. त्रिपुरा बीजेपी के प्रभारी सुनील देवधर पिछले दो वर्षों से त्रिपुरा में हैं. एक साल पहले बीजेपी ने विप्लव देब को राज्य का नया पार्टी सचिव नियुक्त किया था. माना जा रहा है कि अगर पार्टी को जीत मिलेगी तो देब को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जा सकती है.  


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पीएम मोदी की त्रिपुरा रैली में जुटी थीं 10 हजार महिलाएं
देवधर ने रणनीति का खुलासा करते हुए कहा, "सबसे पहले हमने मोर्चा का गठन किया. मसलन युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक मोर्चा और किसान मोर्चा. इन मोर्चों का गठन पहले मंडल, फिर जिला और राज्य-स्तरीय पर किया गया. हमने जमीनी कार्यकर्ताओं तक पहुंचने का प्रयास किया है. बात पिछले साल जनवरी की है. अब यह संगठन इतना मजबूत हो गया है कि हाल ही में उत्तर त्रिपुरा में आयोजित पीएम मोदी की रैली में 10 हजार महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था. यह आकड़ा इस छोटे से राज्य के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण बात है.


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मोर्चा के बाद पार्टी ने 'विस्तारक' और 'पन्ना प्रमुख' नियुक्त किए हैं. विस्तारक का मोटे तौर पर काम यह तय करना होता है कि मंडलों और स्थानीय नेताओं के बीच कोई आंतरिक कलह न हो. हमने 60 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 60 विस्तारक नियुक्त किए हैं. मोर्चे से उलट, उन्हें आंदोलनों में भाग नहीं लेना होता. 
 
आंतरिक मतभेद छुपाने की कोशिश
उनका सिर्फ एक ही काम होता है - नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच मतभेदों को दूर करना. उनका कार्य यह भी सुनिश्चित करना है कि आंतरित मतभेद बाहर न आए. हमने त्रिपुरा के चाय बागानों में रहने वाले समुदायों के लिए अलग से विस्तारक लगाए हैं. त्रिपुरा में 46 में से 36 चाय बागान चालू हालत में हैं.  


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देवधर ने कहा, "विस्तारक युवा कार्यकर्ता होते हैं -  सभी 25-26 उम्र के होते हैं. ये विस्तारक पिछले एक साल से त्रिपुरा के कई क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं. कोई गाजीपुर से आया है और दक्षिण त्रिपुरा में एक वर्ष से रह रहा है. 


पन्ना प्रमुख 'पेज-इन-चार्ज' होते हैं. प्रत्येक पूलिंग बूथ में वोटर लिस्ट होती है जो कि सामान्य तौर पर 17-18 पेज की होती है. पन्ना प्रमुख का काम 60 वोटरों पर ध्यान देता होता है. ये वो कार्यकर्ता होते हैं जो सीधे वोटरों के संपर्क में होते हैं. 


चुनाव में 25 फीसदी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद
देवधर ने कहा, "कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रिझाना बहुत मुश्किल होता है. कई वर्षों से कांग्रेस हाई कमान ने उनकी उपेक्षा की है. पिछले चुनाव में, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने यहां बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. जब हम इन परिवारों के संपर्क में आए तो वे हैरान रह गए." 


उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) वोटरों तक पहुंचने का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रयास किया. मुझे लगता है कि 25 फीसदी क्रॉस वोटिंग इस चुनाव में होगी. 
 
त्रिपुरा में नहीं है बीजेपी का व्यापारिक संगठन
संगठन में एक और महत्वपूर्ण कड़ी 'शक्ति केंद्र विस्तारक' की भी है. यह ऐसे विस्तारक हैं जो पूरे राज्य में प्रत्येक पांच बूथ का इंचार्ज होता है. 3400 बूथ त्रिपुरा में हैं और 600 शक्ति केंद्र विस्तारक हैं. कई विस्तारक आसाम से आए हैं. उनका कार्य यह सुनिश्चित करना है कि स्थानीय स्तर पर पार्टी का सहज संचालन करना होता है. आदर्श स्थिति तो यह है कि प्रत्येक बूथ पर शक्ति केंद्र विस्तारक तैनात हो लेकिन यह अभी तक संभव नहीं हो पाया है.  


हालांकि बीजेपी का यहां कोई व्यापारिक संगठन नहीं है. आरएसएस का सहयोगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने प्रदेश में खुद को मजबूत किया है. बीजेपी ने व्यापक पैमाने पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया हुआ है. मिस कॉल के जरिये सदस्यता लेने की अभियान भी चलाया जा रहा है. यह रजिस्ट्रेशन 2 लाख तक पहुंच चुका है.   


'ट्रेन संपर्क' अभियान को भी पार्टी ने लॉन्च किया है. हमारे 'ट्रेन संपर्क' रोज़ाना एक ट्रेन में यात्रा करते हैं और यात्रियों से मोबाइल नंबर लेते हैं. मोदी-टी शर्ट पहनकर बीजेपी के पैम्फलेट बांटते हैं. उनसे समस्याएं पूछते हैं. इसको मंडल मोर्चा के साथ साझा करते हैं. हमने 40,000 लोगों को व्हाटएप्स के जरिये 'ट्रेन संपर्क' से जोड़ा है.