Udaipur Devraj Murder Case Update: उदयपुर जो पिछले कुछ दिनों से सांप्रदायिकता की आग में सुलग रहा है. जिस स्कूली छात्र पर चाकू से हमला किया गया, उसकी आज इलाज के दौरान मौत हो गई. छात्र की मौत के बाद उदयपुर में माहौल एक बार फिर तनाव भरा हो गया है. हालत संभालने के लिए वहां पर राजस्थान पुलिस की कई बटालियनों के अलावा सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के जवानों की भी तैनाती की गई है. इसके साथ ही इंटरनेट बंदी का आदेश अगले 24 घंटे के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. 


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परिजनों को 51 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान


प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार ने मृतक छात्र के परिजनों को 51 लाख रुपये मुआवजा और कांट्रेक्ट आधार पर नौकरी देने का आश्वासन दिया है. सूत्रों के मुताबिक प्रशासन की टीम मंगलवार सुबह 4 बजे छात्र का शव परिजनों को सौंपेगी. इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस बलों की मौजूदगी में सुबह 7 बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा. 


कांग्रेस ने बनाई 4 सदस्यीय कमेटी


उदयपुर के देवराज हत्याकांड मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने 4 सदस्यों की कमेटी बनाई है. राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस कमेटी का गठन किया है. कमेटी में सांसद भजनलाल जाटव, पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना, पूर्व मंत्री रामलाल जाट और उदयपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे ताराचंद मीणा को शामिल किया गया है. यह कमेटी उदयपुर का दौरा करके सभी पक्षों से मिलकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. 


देवराज की मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर देवराज की मौत का जिम्मेदार कौन है. वो आरोपी जिसने देवराज पर चाकू चलाया या फिर वो सोच जिसने उसे चाकू चलाने पर मजबूर किया.  उदयपुर के एमपी अस्पताल में दोपहर 3 बजे देवराज ने अंतिम सांस ली. भला कौन सोच सकता था कि दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों में हुई मामूली सी कहासुनी एक छात्र की जान पर भारी पड़ जाएगी. 


होमवर्क के नाम पर तल्खी का अंजाम मौत!


एक छात्र पर मामूली सी कहासुनी ऐसी भारी पड़ जाएगी जो उसकी जान पर भारी पड़ जाएगी. सोचिए उसकी उम्र ही अभी क्या थी. कौन सोच सकता है कि उसी के साथ पढ़ने वाला उसी की उम्र का उसका साथी उस पर चाकू से ऐसा जानलेवा हमला करेगा. जो देवराज के जीवन पर भारी पड़ जाएगा. उसकी जान ले लेगा. 16 अगस्त को देवराज की क्लास में पढ़ने वाले उसके साथी ने ही चाकू से हमला कर दिया था.


कौन सोच सकता था कि होमवर्क के नाम पर पैदा हुई तल्खी का अंजाम मौत पर जाकर खत्म होगा. आरोपी छात्र के किराये वाले मकान को तोड़ दिया गया. आरोपी छात्र पुलिस की गिरफ्त में है तो आरोपी छात्र का पिता भी पुलिस की गिरफ्त में है लेकिन फिर भी देवराज लौटकर नहीं आएगा.


सवाल ये उठता है कि आखिर 15 साल के एक छात्र के अंदर इतनी नफरत. इतना गुस्सा...बदले की ऐसी आग कहां से पनपी. जिसने उसे चाकू मारने के अंजाम तक पहुंचा दिया. बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है. उन्हें कच्ची मिट्टी कहा जाता है. जिन्हें जिस सांचे में ढाल दो वो उसी का रूप ले लेते हैं. तो आरोपी छात्र का नफरती सांचा गढ़ने वाला कौन. 


इतने जघन्य हमले की ताकत कहां से आई?


आखिर वो कौन सी सोच है जो बच्चों में भी मामूली सी बात पर जानलेवा हमले करवा रही है. आखिर बच्चे के दिमाग में इतने जघन्य अपराध की ताकत कहां से आई. कैसे उसने मामूली से झगड़े में अपने ही साथी पर जानलेवा हमले की साजिश रच डाली. ऐसी साजिश जिसने देवराज की जान ले ली. आखिर इतना जहर 15 साल के एक बच्चे के अंदर से कहां से आया.


देवराज की मौत की खबर के बाद एक बार फिर आक्रोश की ज्वाला ने भड़कना शुरू किया था. लेकिन पुलिस ने फौरन लामबंदी की. त्वरित एक्शन के तहत बड़ी संख्या में अस्पताल के आसपास के हिस्से को छावनी में तब्दील कर दिया गया. पुलिस 16 तारीख को चाकूबाजी की घटना के बाद से चौकन्नी थी. तब देखते ही देखते आक्रोशित भीड़ ने शहर के एक हिस्से को हिंसा की आग में लपेट दिया था क्योंकि मामला दो समुदायों की लड़ाई में बदल गया था. लेकिन इस बार ऐसा होने से पहले ही प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली थी.


रामलीला में राम बनने वाला देवराज अब वापस नहीं लौटेगा


रामलीला में राम का किरदार निभाने वाला देवराज अब वापस नहीं लौटेगा. उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता. लेकिन परिवार के इकलौते बेटे की मौत पर परिवार को सरकार ने 51 लाख रुपये के मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी और पुलिस सुरक्षा देने का वादा किया है. शहर में इंटरनेट सेवा कल यानि मंगलवार रात दस बजे तक के लिए बंद है. धारा 144 लगा दी गई है तो शहर के हर हिस्से में सुरक्षा बढ़ा दी गई है खासकर सूरजपोल इलाके में जहां चाकूबाजी की ये पूरी वारदात हुई क्योंकि उपद्रव और हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं है.