मुंबई : संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने अभी से लामबंद होने की कवायद शुरू कर दी है. विपक्षी दल खासकर तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने इस सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अन्य विपक्षी दलों को जोड़ने की पहल शुरू की है. इसी क्रम में टीडीपी के नेताओं ने रविवार को शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी से मिलने का कार्यक्रम तय किया. लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने टीडीपी नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया. इस तरह टीडीपी की मुहिम को शुरूआत में ही करारा झटका लगा है.   


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टीडीपी के सांसद थोटा नरसिम्हन और पी. रविंद्र बाबू  ने रविवार की शाम शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने का प्लान तैयार किया था. इस मुलाकात में वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्ज दिलाए जाने की भी मांग उठाते, लेकिन जानकारी मिली है कि उद्धव ठाकरे ने इन नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया. 



संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग प्रमुखता से उठाई जा सकती है. यह मुद्दा 2019 के आम चुनाव से पहले टीडीपी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.


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जानकार बताते हैं कि चूंकि शिवसेना प्रमुख आए दिन केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर निशाना साधते रहते हैं. टीडीपी को इसी आधार पर उम्मीद थी कि शिवसेना को उन्हें अपनी इस मुहिम में साथ मिल जाएगा. बता दें कि इस वर्ष मार्च में टीडीपी एनडीए से अलग हो गई थी.